कैश – फॉर – जॉब्स स्कैम : क्राइम ब्रांच पर भरोसा नहीं
गोवा में कथित कैश – फॉर – जॉब्स घोटाला फिर से सुर्खियों में है। इस मामले में नए आरोपों ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों को हिला कर रख दिया है। आरोपी पूजा नाईक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर आरोप लगाए हैं कि इस घोटाले में एक राज्य मंत्री , एक आईएएस अधिकारी और एक इंजीनियर शामिल हैं , और उन्होंने सीधे तौर पर राज्य मंत्री सुदीन धवलीकर पर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने क्राइम ब्रांच की जांच पर भरोसा नहीं जताते हुए मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। गोवा आप प्रमुख अमित पालेकर ने शुक्रवार को कहा कि जिस मंत्री पर आरोप लगाए गए हैं , उन्हें तुरंत पद छोड़ देना चाहिए ताकि जांच निष्पक्षता से हो सके। उन्होंने कहा , ” हमें क्राइम ब्रांच पर कोई भरोसा नहीं। इस मामले में न्यायिक जांच जरूरी है। “
पूजा नाईक , जो पिछले साल इस घोटाले में गिरफ्तार हुई थीं और अब जमानत पर बाहर हैं , ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें उन्होंने खुलासा किया कि इस घोटाले में सरकारी नौकरियों के नाम पर 17.68 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। पूजा का दावा है कि शुरुआत में कुछ लोगों को नौकरी दी गई, लेकिन बाद में काम बंद कर दिया गया और न तो पैसे लौटाए गए और न ही नौकरियां दी गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि एक मंत्री ने उन्हें दो अधिकारियों से मिलवाया था , जिन्होंने सरकारी नौकरियों का लालच देकर पैसा लिया। पूजा का कहना है कि वह एमजीपी (मंदिर गोवा पार्टी) के दफ्तर में स्टाफ के रूप में काम करती थीं , इसलिए उनकी उनकी नेताओं से मुलाकात होती थी।
पूजा नाईक का आरोप है कि मंत्री धवलीकर ने उन्हें और अन्य लोगों को सरकारी नौकरियों का झांसा दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों ने उनसे 17.68 करोड़ रुपये लिए , जिसमें कुछ लोगों को नौकरी भी मिली , लेकिन बाद में काम रोक दिया गया और न पैसा लौटाया गया , न नौकरियां दी गईं। पूजा ने यह भी कहा कि वह उस समय एमजीपी पार्टी में कार्यकर्ता थीं , इसलिए उनके मंत्री से परिचय था। इन आरोपों के जवाब में , सुदीन धवलीकर ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि ये सब झूठ हैं और आरोप निराधार हैं।
इस मामले ने गोवा की राजनीति में हलचल मचा दी है। आम आदमी पार्टी ने आरोपों के प्रकाश में आने के बाद कहा है कि क्राइम ब्रांच की जांच पर भरोसा नहीं है , और इसीलिए मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। पार्टी के नेताओं का मानना है कि मामले की निष्पक्षता तभी सुनिश्चित होगी जब इसे स्वतंत्र न्यायिक प्रक्रिया से जांचा जाएगा। वहीं , विपक्ष और सरकार दोनों ही इस घोटाले को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। राजनीतिक दल आरोप – प्रत्यारोप कर रहे हैं , और जनता में इस मामले को लेकर गहरी चिंता देखी जा रही है।
गोवा में कथित कैश – फॉर – जॉब्स घोटाले ने फिर से राज्य की राजनीति को गर्मा दिया है। आरोप लगाने वाली पूजा नाईक का दावा है कि इस घोटाले में कई बड़े अधिकारी और नेता शामिल हैं , और अब जनता और राजनीतिक दल दोनों ही निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। इस मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए न्यायिक जांच का आदेश जरूरी हो गया है , ताकि दोषियों को सजा मिल सके और जनता का भरोसा फिर से कायम हो सके। अब देखना होगा कि जांच प्रक्रिया कब शुरू होती है और इसमें क्या खुलासा होता है। – Report by : वंशिका माहेश्वरी



