दिल्ली लाल किले धमाके में आतंकी डॉ. उमर का हाथ , DNA से पकड़ा गया।
नई दिल्ली : दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास सोमवार शाम को हुए धमाके ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस धमाके में शामिल मुख्य संदिग्ध , पुलवामा निवासी डॉ. उमर नबी , का नाम पुलिस और जांच एजेंसियों की जांच में सामने आया है। डीएनए टेस्ट में पता चला है कि धमाके के स्थल पर मिली लाश के डीएनए नमूने उमर की मां के डीएनए से मेल खाते हैं , जो इस बात की पुष्टि करता है कि धमाके में उमर ही शामिल था।
जांच में पता चला है कि डॉ. उमर ने ही धमाके वाली कार को चलाया था। वह 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर दिल्ली में 2008 के मुंबई के 26/11 जैसी आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की योजना बना रहा था। इसके लिए उसने बड़ी मात्रा में विस्फोटक जमा किए थे , ताकि वह बड़े स्तर पर आतंकवादी हमला कर सके। फरीदाबाद के एक आतंकी मॉड्यूल के माध्यम से पकड़े गए आठ संदिग्धों से पूछताछ में इस साजिश का खुलासा हुआ है। इन संदिग्धों ने बताया कि उनके निशाने पर दिल्ली के प्रमुख स्थल जैसे लाल किला , इंडिया गेट , कॉन्स्टीट्यूशन क्लब और गौरी शंकर मंदिर थे। इसके अलावा , देशभर में रेलवे स्टेशन और शॉपिंग मॉल्स को भी निशाना बनाने की योजना थी।
आतंकियों ने बड़ी मात्रा में विस्फोटक जमा कर रखे थे और धमाकों की तैयारी कर रहे थे। जांच में पता चला है कि उमर नबी का मकसद 26 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की बरसी पर बड़ा हमला करना था। इसके अलावा , यह भी पता चला है कि वह 2008 के मुंबई हमले जैसी आतंकी घटना को दोबारा अंजाम देना चाहता था। इस साजिश को अंजाम देने के लिए , आतंकियों ने फरीदाबाद के एक आतंकी मॉड्यूल के जरिए हथियार और विस्फोटक जुटाए थे।
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि मुजम्मिल गनई , जो फरीदाबाद से गिरफ्तार हुआ था , इस आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा है। जनवरी में उसने कई बार लाल किला इलाके की रेकी की थी। उसके मोबाइल डंप डेटा से पता चला है कि वह जनवरी के पहले सप्ताह में बार – बार लाल किला और उसके आसपास मौजूद था। इसके पीछे उसका मकसद सुरक्षा व्यवस्था और भीड़भाड़ का पैटर्न समझना था। जांच में यह भी सामने आया है कि मुजम्मिल और उमर , तुर्किये गए थे। उनके पासपोर्ट पर तुर्किये के वीजा और यात्रा टिकट भी मिले हैं , जो यह संकेत देते हैं कि वे विदेशी हैंडलर से संपर्क में थे। अभी इन दोनों के संपर्क और वित्तीय स्रोत का भी पता लगाया जा रहा है।
फोरेंसिक टीम ने धमाके स्थल से 40 से अधिक नमूने एकत्र किए हैं , जिनमें विस्फोटक और कारतूस के नमूने शामिल हैं। इन नमूनों का विश्लेषण करने के लिए विशेषज्ञ टीम गठित की गई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता चला है कि धमाके में मृत लोगों को गंभीर चोटें आई थीं , जिनमें सिर और शरीर के ऊपरी हिस्से में चोटें शामिल हैं। मौत का कारण अत्यधिक रक्तस्राव और गहरे घाव हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और दिल्ली पुलिस ने बताया है कि डीएनए रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि धमाके में उमर नबी ही था , और उसकी मौत भी धमाके के दौरान ही हो गई। उमर ने अपने साथियों को बताया था कि वह दिसंबर में बड़ा हमला करेगा। जांच में अब तक कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं , जिनमें विस्फोटक , कारतूस , मोबाइल डेटा और पासपोर्ट शामिल हैं।
जांच में यह भी पता चला है कि उमर और मुजम्मिल तुर्किये गए थे। उनके पासपोर्ट पर तुर्किये का वीजा मौजूद है। हालांकि , तुर्किये सरकार ने इन खबरों को खारिज किया है और कहा है कि वह इस तरह की गतिविधियों में शामिल नहीं हैं।
यह धमाका देश की सुरक्षा एजेंसियों की सजगता और सतर्कता का परिणाम है। अभी भी जांच जारी है , और आतंकी साजिश के पीछे के नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा रहा है। यह घटना आतंकवाद के खतरे को फिर से रेखांकित करती है और हमें एकजुट होकर इसकी निंदा करनी चाहिए। – Report by : वंशिका माहेश्वरी



