राहुल गांधी की किसान न्याय पर चुप्पी पर भाजपा का सवाल
कर्नाटक में किसानों का गन्ना मूल्य को लेकर चल रहा आंदोलन तेज़ होता जा रहा है , लेकिन इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी की चुप्पी पर भाजपा ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार किसानों के हक में कोई कदम नहीं उठा रही है और राहुल गांधी का इस मुद्दे पर अभी तक कोई बयान नहीं आया है। भाजपा नेताओं का मानना है कि यह चुप्पी किसानों के प्रति कांग्रेस की उदासीनता को दर्शाती है।
कर्नाटक के बेलगावी , बागलकोट , हावेरी जैसे जिलों के किसान गन्ने की फसल की कीमत 3500 रुपये प्रति टन तय करने की अपनी मुख्य मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। ये किसान पिछले छह दिनों से सड़कें जाम कर अपने मुद्दों को उठाने में लगे हैं। किसानों का कहना है कि उनकी फसल का उचित मूल्य न मिलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है।
उनकी मांग है कि गन्ने की कीमत सरकार जल्द से जल्द तय करे और किसानों को उनकी मेहनत का उचित मुआवजा मिले। किसान सड़कें बाधित कर चुके हैं , जिससे परिवहन , व्यापारिक गतिविधियां और शिक्षा व्यवस्था पर भी असर पड़ा है। कई जिलों में बाजार, स्कूल और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद पड़े हैं , जिससे स्थानीय जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
भाजपा ने इस आंदोलन में अपनी पूरी सहानुभूति दिखाई है और किसानों के समर्थन में खड़ी हुई है। वरिष्ठ नेता आर अशोक ने कहा कि ” कर्नाटक के किसानों के लिए राहुल गांधी का मौन सवालिया निशान है। ” उन्होंने पूछा , ” अगर राहुल गांधी का दिल वाकई में किसानों के लिए धड़कता है, तो वे इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं ? “
आर अशोक ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार , जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार शामिल हैं , अपने पदों की कुर्सी को बचाने में लगी हुई है और किसानों के मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री और विधायक अपने स्वार्थ में उलझे हुए हैं और किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं।
भाजपा नेता ने यह भी सवाल किया कि ” क्या राहुल गांधी का किसान न्याय सिर्फ चुनावी रैलियों और टीवी पर दिखने का ही नाम है ? “ उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को चाहिए कि वे किसानों के सवाल पर बोलें और अपनी बात स्पष्ट करें।
किसानों का कहना है कि वे पिछले कई दिनों से अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं , लेकिन उनसे सरकार कोई संवाद नहीं कर रही है। किसान नेताओं का आरोप है कि गन्ना मिलें बंद हो चुकी हैं और किसान अपने मुद्दे उठाने के लिए मजबूर हैं।
बेलगावी में भाजपा नेता बीवाई विजयेंद्र ने भी किसानों के समर्थन में आवाज उठाई और कहा कि सरकार को जल्दी से जल्दी उनके मुद्दों का समाधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिले और सरकार उनकी बात सुने।
कर्नाटक में किसान आंदोलन ने एक बार फिर से सरकार और विपक्ष के बीच बहस को जन्म दिया है। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस नेता इस आंदोलन को लेकर उदासीनता बरत रहे हैं , जबकि किसान अपने हक के लिए जूझ रहे हैं। वहीं , कांग्रेस की चुप्पी से किसानों में नाराजगी बढ़ रही है।
अब देखना यह है कि सरकार इन किसानों की मांगों को कब मानती है और राहुल गांधी इस मुद्दे पर कब अपनी स्थिति स्पष्ट करते हैं। किसान आंदोलन का भविष्य और सरकार की प्रतिक्रिया सभी की नजरें इस पर टिकी हैं। – Report by : वंशिका माहेश्वरी



