छात्रसंघ चुनाव के लिए मतदान शुरू, 20 उम्मीदवार मैदान में; छात्र-छात्राओं में उत्साह का माहौल
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र संघ चुनाव की प्रक्रिया आज से शुरू हो चुकी है। यह चुनाव छात्रों के बीच काफी उत्साह और उमंग का माहौल लेकर आया है। सेंट्रल पैनल के चार महत्वपूर्ण पदों के लिए कुल 20 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। छात्राओं और छात्रों का जोश देखते ही बन रहा है, जिनमें से समर्थक ढोल-नगाड़े और डफली बजाकर अपने उम्मीदवारों के समर्थन में नारेबाजी कर रहे हैं। यह चुनाव छात्रों के बीच खासा दिलचस्प और महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
चुनाव का आयोजन दो शिफ्टों में हो रहा है। पहली शिफ्ट सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक चलेगी, जबकि दूसरी शिफ्ट दोपहर ढाई बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक आयोजित होगी। मतदान के दौरान कुल 9047 छात्रों ने अपना नामांकन किया है, जो अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से बैलेट पेपर के माध्यम से हो रही है, जिससे पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे।
छात्र संघ चुनाव में मुख्य रूप से चार पदों के लिए उम्मीदवार मैदान में हैं—अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव। इन पदों पर करीब 30 प्रतिशत महिला उम्मीदवार भाग ले रही हैं, जो छात्रावास और काउंसलर पदों पर भी देखने को मिल रही हैं। खास बात यह है कि काउंसलर पद पर महिला उम्मीदवारों का हिस्सा लगभग 25 प्रतिशत है। यह संकेत है कि छात्रावास और काउंसलर पदों पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है, जो लोकतंत्र में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है।
इस बार के चुनाव में वामपंथी छात्र संगठन, जैसे ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ), ने संयुक्त रूप से अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। अध्यक्ष पद के लिए आइसा से आदिती मिश्रा, उपाध्यक्ष के लिए एसएफआई से गोपिका बाबू, महासचिव के लिए डीएसएफ से सुनील यादव और संयुक्त सचिव के लिए दानिश अली चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, पिछले चुनाव में एबीवीपी को एक सीट मिली थी, लेकिन इस बार यह संगठन भी अपने उम्मीदवारों के साथ चुनाव में हिस्सा ले रहा है।
एबीवीपी ने इस बार अध्यक्ष पद के लिए विकास पटेल, उपाध्यक्ष के लिए तान्या कुमारी, महासचिव के लिए राजेश्वर कांत दुबे और संयुक्त सचिव पद के लिए अनुज डमारा को मैदान में उतारा है। इसके अलावा, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) ने सिर्फ महासचिव पद के लिए गोपी कृष्णन को उम्मीदवार बनाया है। बिरसा अंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (बापसा) ने अध्यक्ष पद के लिए राज रत्न राजोरिया और महासचिव के लिए शोएब खान को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, नैशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने अध्यक्ष पद के लिए विकास, उपाध्यक्ष के लिए शेख शाहनवाज आलम, महासचिव के लिए प्रीति और संयुक्त सचिव के लिए कुलदीप ओझा को मैदान में उतारा है। साथ ही, प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स एसोसिएशन से शिंदे विजयलक्ष्मी भी चुनावी मैदान में हैं।
चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गई है। करीब 250 सुरक्षाकर्मी चुनाव स्थल पर तैनात रहेंगे, जो मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाए रखने का काम करेंगे। इसके साथ ही, दिल्ली पुलिस के जवान भी सादी वर्दी में ड्यूटी देंगे। चुनाव के लिए चार स्थानों पर मतदान केंद्र बनाए गए हैं—स्कूल ऑफ लैंग्वेज, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडी, स्कूल ऑफ सोशल साइंस का पहला और दूसरा केंद्र।
छात्र संघ चुनाव के साथ-साथ आंतरिक समिति (आईसी) 2025-26 का चुनाव भी आज हो रहा है। इस चुनाव का आयोजन विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। आईसी में कुल नौ सदस्य होते हैं, जिन्हें चुना जाएगा। चुनाव परिणामों को लेकर जेएनयू ने एक आधिकारिक वेबसाइट भी लॉन्च की है, जहां छात्र और मतदाता अपने परिणामों की ऑनलाइन जांच कर सकते हैं—www.jnusuec.org। इस वेबसाइट पर लाइव परिणाम भी जारी किए जाएंगे, जिससे छात्र अपने उम्मीदवारों की स्थिति तुरंत देख सकेंगे।
छात्र संगठन प्रमुख मुद्दों पर भी जोर दे रहे हैं। इनमें हॉस्टल सुविधाओं का बेहतर प्रबंधन, लाइब्रेरी की बैठने की क्षमता बढ़ाना, स्पोर्ट्स कोटा से दाखिले का मुद्दा, प्रशासन से सीपीओ मैनुअल की वापसी, छात्र निलंबन और जुर्माने की राशि को लेकर विरोध, कैंपस में महिला सुरक्षा, हेल्थ सेंटर की सुविधा को अपग्रेड करना, फंड की कमी, कोर्स में सीट बढ़ाने जैसी मांग शामिल हैं। इन सभी मुद्दों को लेकर छात्र अपनी आवाज उठा रहे हैं।
इस प्रकार, छात्र संघ चुनाव न केवल विश्वविद्यालय के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करता है, बल्कि यह छात्र समुदाय की सरकार से अपेक्षाओं और मुद्दों का भी प्रतीक है। यह चुनाव छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रतिनिधित्व करते हुए उनकी भागीदारी और आवाज



