करूर रैली हादसा: विजय ने तोड़ी चुप्पी, कहा – “ऐसा दर्द कभी नहीं सहा”
चेन्नई | तमिलनाडु के करूर में अभिनेता और टीवीके प्रमुख विजय की चुनावी रैली के दौरान हुई भगदड़ ने पूरे राज्य को हिला दिया है। इस भीषण हादसे में 41 लोगों की जान चली गई, जबकि 110 से अधिक लोग घायल हुए। घटना के दो दिन बाद विजय ने पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए अपना दर्द साझा किया।
विजय ने मंगलवार शाम एक बयान जारी करते हुए कहा : “अपने जीवन में मैंने कभी इतनी दर्दनाक स्थिति का सामना नहीं किया। मेरा मन चिंता से भरा है और दिल गहरे दर्द में है।”
इससे पहले विजय ने हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी। उन्होंने साथ ही इस त्रासदी की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
घटना की जांच तेज़ी से आगे बढ़ रही है। पुलिस ने अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है — टीवीके पार्टी के पश्चिमी जिला सचिव मथियाझागन और पार्टी कार्यकर्ता पावुनराज, जो रैली में झंडे व बैनर लगाने का काम देख रहे थे। दोनों को आगे की कानूनी प्रक्रिया के लिए पेश किया जाएगा।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, 27 सितंबर की रात अचानक बिजली गुल हो जाने से रैली स्थल पर अफरातफरी मच गई। लोग एग्ज़िट गेट की ओर दौड़े और भगदड़ के कारण महिलाएं और बच्चे भी इसकी चपेट में आ गए। अब तक 51 घायलों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है, जबकि शेष का इलाज जारी है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा : ” हम पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस समय संयम बरतना ज़रूरी है। गैर-ज़रूरी अटकलें केवल शोकाकुल परिवारों को आहत करेंगी।”
वहीं, विपक्ष के नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने सरकार पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे ” घोर प्रशासनिक विफलता ” करार देते हुए पूछा कि भीड़ नियंत्रण के उचित इंतज़ाम क्यों नहीं किए गए।
करूर का यह हादसा तमिलनाडु की राजनीति और प्रशासन दोनों के लिए गहरा सबक है। सवाल अब यही है कि क्या जांच के बाद दोषियों पर सख़्त कार्रवाई होगी और क्या भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।



