गोमती नगर विस्तार जमीन घोटाला: हाईकोर्ट की सख्ती, एलडीए अफसरों को फटकार

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने राजधानी के गोमती नगर विस्तार की करोड़ों की जमीन में कथित फर्जीवाड़े के मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के अफसरों को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने बहुजन निर्बल वर्ग सरकारी गृह निर्माण समिति की पिछले 10 सालों की संपत्ति बिक्री का ऑडिट कराने और नियमों के उल्लंघन की जांच करने का आदेश दिया है।
समिति के मकसद से हुआ भटकाव
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने समिति की याचिका पर दिया। याचिका में आरोप लगाया गया कि समिति का गठन अनुसूचित जाति के लोगों को आवासीय सुविधा देने के लिए हुआ था, लेकिन अयोग्य लोगों को जमीन आवंटित कर दी गई। इतना ही नहीं, गैर सदस्यों द्वारा भी जमीनों की बिक्री कर दी गई और उसकी रकम समिति के खाते में जमा नहीं की गई।
अफसरों की जांच पर सवाल
कोर्ट ने कहा कि यह गंभीर है कि एलडीए के सात अफसरों ने जांच की, लेकिन कार्रवाई नहीं की। यह भी सवाल उठाया गया कि राज्य सरकार की जानकारी में मामला होने के बावजूद समिति के सदस्यों ने नियमों के खिलाफ बैनामे करके बड़ी रकम इधर-उधर कर दी।
FIR और अगली सुनवाई
राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया चल रही है। इस पर कोर्ट ने 16 सितंबर को अगली सुनवाई तय करते हुए एफआईआर पर उठाए गए कदमों की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि पुलिस चाहे तो समिति की जमीनों की 10 साल की बिक्री और उससे हुई आमदनी का ऑडिट कराए।
राजस्व कानून और धनशोधन अधिनियम का जिक्र
हाईकोर्ट ने कहा कि जरूरत पड़ने पर पुलिस धनशोधन अधिनियम के तहत कार्रवाई करे और रकम की वसूली के लिए कदम उठाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस जांच की निगरानी पुलिस अधीक्षक स्तर का अधिकारी करेगा। साथ ही, राज्य सरकार से राजस्व कानून के तहत की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी गई है।