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प्रदेश में खरीफ 2024 और उर्वरक स्थिति पर महत्वपूर्ण घोषणाएँ

 प्रदेश में खरीफ 2024 और उर्वरक स्थिति पर महत्वपूर्ण घोषणाएँ
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लखनऊ:उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आज लखनऊ में आयोजित प्रेस वार्ता में प्रदेश की कृषि व्यवस्था, खरीफ की फसलों का रकबा, उर्वरक की उपलब्धता और किसानों की सुविधा से जुड़ी अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हित में निरंतर प्रयासरत है और कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

प्रदेश में खरीफ फसलों के रकबे की। कृषि मंत्री ने बताया कि इस बार खरीफ का कुल रकबा बढ़कर 105.93 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो कि पिछले वर्षों की तुलना में बहुत अच्छा संकेत है। 2013-14 में यह रकबा 90.46 लाख हेक्टेयर था, यानी इस दौरान लगभग 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

वहीं, वर्ष 2015-16 में कुल खेती का क्षेत्र 225.87 लाख हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर 274.22 लाख हेक्टेयर हो चुका है। इससे पता चलता है कि प्रदेश में खेती का दायरा लगातार बढ़ रहा है।

कृषि मंत्री ने बताया कि खरीफ 2016 में प्रदेश में यूरिया की खपत 23 लाख मीट्रन थी, जो अब बढ़कर 39 लाख मीट्रन हो गई है। यानी, पिछले 8 वर्षों में यूरिया की खपत में 16 लाख मीट्रन का इजाफा हुआ है।

अभी तक, 19 अगस्त 2025 तक, किसानों ने 32.07 लाख मीट्रन यूरिया खरीदा है। अप्रैल 2025 में प्रदेश में यूरिया की उपलब्धता 12.52 लाख मीट्रन थी, और अब तक 25.45 लाख मीट्रन यूरिया मंगवाया गया है, जिससे कुल 37.97 लाख मीट्रन की सप्लाई सुनिश्चित हो चुकी है।

प्रेस वार्ता में यह भी बताया गया कि अभी तक 1.52 करोड़ किसानों ने POS मशीन से अंगूठा लगाकर यूरिया खरीदा है। लेकिन, कुछ किसानों की अत्यधिक खरीदारी की गतिविधियों की जांच की जा रही है। महराजगंज में 186 किसानों ने 1–2.37 मीट्रन तक यूरिया खरीदा है, जबकि कुछ ने 13 बार और कुछ ने 20 बार तक खरीदारी की है। इन मामलों में जांच चल रही है।

सरकार ने इन गतिविधियों को रोकने के लिए 12,653 छापे, 3,385 नमूने, और 1,047 नोटिस जारी किए हैं। साथ ही, 571 फुटकर विक्रेता निलंबित किए गए हैं, और कई थोक विक्रेताओं पर भी कार्रवाई हुई है।

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