परिजनों का दावा भिवानी की महिला टीचर की हुई थी हत्या

भिवानी की महिला शिक्षक मनीषा की मौत का मामला उलझता नजर आ रहा है। एक तरफ जहां पुलिस मामले को सुसाइड बताते हुए सारी चीजों को रफा-दफा करने में जुटी है…वहीं मनीषा के गांव वाले पुलिस की इस कवायद को साजिश बता रहे हैं… ग्रामीणों ने पंचायत कर मनीषा के पिता को बेटी का अंतिम संस्कार नहीं करने को कहा है। गांव वालों ने पिता से कहा कि वो किसी के दबाव में न आएं, पूरा गांव उनके साथ है। इस बीच ग्रामीणों ने ढाणी लक्ष्मण गांव की तरफ आने वाले रास्ते को जाम कर दिया है।
19 वर्षीय प्लेस्कूल टीचर मनीषा की मौत को लेकर पुलिस जांच और राजनीति दोनों ही तेज हो गई है. शुरू में इसे हत्या बताया गया था, लेकिन अब पुलिस के हाथ आए सुबूत आत्महत्या की कहानी बयान कर रहे हैं. हालांकि, विपक्षी दल और परिवार इस मामले को को लेकर लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहे .सोमवार को पुलिस ने खुलासा किया कि शव मिलने वाले दिन ही मनीषा के बैग से एक ‘सुसाइड नोट’ भी मिला था. इसमें उसने अपनी जान देने की बात लिखी थी. पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुमित कुमार ने कहा कि नोट उसी की लिखावट में है और बैग में उसका आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज भी मिले थे.
यही नहीं, पुलिस ने दावा किया कि सीसीटीवी फुटेज और दुकानदार के रजिस्टर से यह साबित हुआ है कि मनीषा ने खुद जाकर कीटनाशक खरीदा था. पोस्टमार्टम के बाद विसरा रिपोर्ट में भी जहर की मौजूदगी पाई गई. यानी नोट, जहर की खरीद और शरीर में जहर, तीनों बातें आत्महत्या की ओर इशारा कर रही हैं.सबसे बड़ा सवाल यह था कि शव पर जो गहरे घाव मिले थे, क्या वह किसी हमले के निशान थे? इस पर भी पुलिस ने स्पष्टीकरण दिया. एसपी सुमित कुमार ने बताया कि दो पोस्टमार्टम हुए, एक भिवानी में और दूसरा रोहतक पीजीआईएमएस में. रिपोर्ट में साफ लिखा गया कि चेहरे और गर्दन पर जो घाव हैं, वे ‘लैसरेटेड वूंड्स’ यानी फटे हुए जख्म हैं जिन पर ‘ग्नॉइंग इफेक्ट’ (जानवरों द्वारा कुतरने के निशान) है.