ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय हमले के बाद पाक नौसेना का रक्षात्मक रुख, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा

नई दिल्ली : 6 और 7 मई 2025 की रात भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान और पीओजेके (PoJK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। इसके बाद नई दिल्ली ने इस्लामाबाद के डीजीएमओ को सूचित किया कि मिशन पूरा हो चुका है। हालांकि पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी, लेकिन सैटेलाइट तस्वीरों और ओपन सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) विश्लेषण से पता चलता है कि पाक नौसेना (PN) ने इस तनावपूर्ण स्थिति में हमलावर के बजाय रक्षात्मक रुख अपनाया।
कराची और ग्वादर में युद्धपोतों की हलचल
इंडिया टुडे की OSINT टीम ने कराची और ग्वादर बंदरगाहों की सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण किया।
- 8 मई की तस्वीरों में कराची के नौसैनिक गोदाम खाली दिखे, जबकि पाक नौसेना के युद्धपोत व्यावसायिक कंटेनर टर्मिनलों पर खड़े मिले।
- ग्वादर बंदरगाह, जिसे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का “गहना” कहा जाता है, उसे अस्थायी नौसैनिक शरण स्थल में बदल दिया गया। यहां दो जुल्फिकार-क्लास फ्रिगेट, दो तुगरिल-क्लास फ्रिगेट, एक अमेरिकी निर्मित ओलिवर हेजर्ड पेरी-क्लास फ्रिगेट और कई गश्ती पोत देखे गए।
- सैटेलाइट तस्वीरों में साफ दिखा कि पाकिस्तान ने अपने युद्धपोतों को नागरिक जहाजों और कंटेनरों की आड़ में खड़ा किया, ताकि भारतीय मिसाइल हमलों से बचा जा सके।
विशेषज्ञों ने उठाए सवाल
सेवानिवृत्त वाइस एडमिरल एस.सी. सुरेश बंगारा, जो 1971 के कराची हमले में भी शामिल थे, ने पाक नौसेना की रणनीति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 7 मई के भारतीय हमले के बाद पाकिस्तान की तीनों सेनाओं को पूरी तरह सतर्क रहना चाहिए था, लेकिन अग्रिम मोर्चे के युद्धपोत बंदरगाह पर ही नजर आए।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान अक्सर अपने सैन्य जहाजों को व्यावसायिक टर्मिनलों पर खड़ा करता है और सैन्य विमानों को नागरिक विमानों के पास उड़ाता है, जिससे नागरिक संसाधन खतरे में पड़ जाते हैं।
INS विक्रांत की तैनाती और भारतीय दबाव
भू-खुफिया शोधकर्ता डेमियन साइमन के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत अपनी पहली जंगी तैनाती पर था। इसकी अरब सागर में मौजूदगी ने पाकिस्तान पर दबाव बनाया और कराची पर संभावित हमले की आशंका ने पाक नौसेना को जहाजों को तितर-बितर करने के लिए मजबूर कर दिया।
भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने मई 2025 में कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो कराची पर हमला करने की पूरी तैयारी थी और हमारी सेनाएं समुद्र व जमीन दोनों मोर्चों पर मजबूत स्थिति में थीं।
पाकिस्तान की कमजोरियां और भारत की रणनीति
- पाकिस्तान ने कुछ महीने पहले “स्वदेशी” P282 शिप-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल का दावा किया था, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उसका असर नहीं दिखा।
- ग्वादर जैसे बंदरगाहों पर युद्धपोतों को खड़ा करना उन्हें ज्यादा आसानी से लक्ष्य बनने की स्थिति में ले आया।
- विश्लेषकों के अनुसार, पाक नौसेना की एकमात्र ताकत उसकी पनडुब्बी शाखा रही, लेकिन कई नौकाएं मरम्मत में होने के कारण दबाव और बढ़ गया।
वाइस एडमिरल बंगारा ने कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में बिना समुद्र से एक भी मिसाइल दागे अपने लक्ष्य पूरे किए। यह भारत की संयुक्त सैन्य योजना और पाकिस्तान की कमजोर समुद्री तैयारियों का स्पष्ट संकेत है।