सीपी राधाकृष्णन बने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार, धनखड़ से पूरी तरह अलग चेहरा

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बड़ा फैसला लिया है। पार्टी ने तमिलनाडु के वरिष्ठ नेता सीपी राधाकृष्णन को नया उम्मीदवार बनाया है। राधाकृष्णन को संयमी और समावेशी चेहरा माना जाता है। वहीं, धनखड़ अपने तेज-तर्रार बयानों और टकराव वाली राजनीति के लिए जाने जाते थे।
धनखड़ 2022 में उस समय उपराष्ट्रपति चुने गए थे, जब जाट आंदोलन चर्चा में था। उस फैसले को भाजपा की “जाट कार्ड” रणनीति के तौर पर देखा गया था। लेकिन इस बार राधाकृष्णन का नाम आगे कर भाजपा ने साफ संकेत दिया है कि पार्टी अब ओबीसी सोशल इंजीनियरिंग और दक्षिण भारत में विस्तार पर ध्यान दे रही है।
राधाकृष्णन लंबे समय से संघ और जनसंघ से जुड़े रहे हैं। वे दक्षिण भारत में भाजपा का अहम चेहरा माने जाते हैं। महाराष्ट्र के राज्यपाल रहते हुए उनके कामकाज की तारीफ हुई। वहीं, उन्होंने हाल ही में सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन के बयान का कड़ा विरोध किया था।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि राधाकृष्णन की शांत कार्यशैली संसद के बेहतर संचालन में मददगार होगी। इसके विपरीत, धनखड़ अक्सर विपक्ष के साथ टकराव के कारण चर्चा में रहते थे।
धनखड़ ने मौजूदा संसद सत्र के पहले दिन इस्तीफा दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारण बताए, लेकिन राजनीतिक हलकों में यह चर्चा रही कि विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को लेकर सरकार से टकराव की स्थिति बनी थी।
भाजपा नेताओं का कहना है कि इस बार चुना गया चेहरा जाति और क्षेत्र से आगे बढ़कर राष्ट्रीय स्तर पर समावेशी पहचान रखता है। इससे साफ है कि पार्टी राज्यसभा में टकराव नहीं, बल्कि संतुलन और सहमति की राजनीति को प्राथमिकता देना चाहती है।