रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है? इतिहास, पौराणिक कथाएँ और महत्व

नई दिल्ली: सावन मास की पूर्णिमा तिथि पर हर साल रक्षाबंधन का त्योहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह भाई-बहन के प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के वचन का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और खुशहाली की प्रार्थना करती हैं। बदले में भाई बहन की रक्षा का संकल्प लेते हैं और उपहार या आशीर्वाद देते हैं।
रक्षाबंधन का पौराणिक आधार
भारत की प्राचीन कथाओं में रक्षाबंधन का विशेष स्थान है।
श्रीकृष्ण और द्रौपदी की कथा: महाभारत में वर्णन है कि एक बार श्रीकृष्ण के हाथ में चोट लग गई। द्रौपदी ने अपने आँचल का टुकड़ा फाड़कर उनके हाथ पर बांध दिया। बदले में श्रीकृष्ण ने वचन दिया कि जब भी द्रौपदी संकट में होंगी, वे उनकी रक्षा करेंगे।
इंद्र और इंद्राणी की कथा: पुराणों के अनुसार, जब देवताओं और असुरों के बीच युद्ध हुआ, तब इंद्राणी (देवेंद्र की पत्नी) ने इंद्र के हाथ पर रक्षा सूत्र बांधा और उनकी विजय की कामना की।
यम और यमुनाजी की कथा: कहा जाता है कि यमराज ने जब अपनी बहन यमुनाजी से मिलने की इच्छा जताई, तो यमुनाजी ने उन्हें राखी बांधी और साल में एक बार आने का आग्रह किया। तब से भाई-बहन के मिलन का यह पर्व प्रचलित हुआ।
ऐतिहासिक संदर्भ
इतिहास में भी रक्षाबंधन के उदाहरण मिलते हैं:
रानी कर्णावती और बादशाह हुमायूं: मध्यकाल में चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने मुग़ल सम्राट हुमायूं को राखी भेजकर अपने राज्य की रक्षा की गुहार लगाई। हुमायूं ने इसे स्वीकार कर उनकी मदद के लिए सेना भेजी।
सिख गुरुओं का योगदान: सिख गुरु भी रक्षा सूत्र को भाईचारे और एकता का प्रतीक मानते थे।
आज के समय में रक्षाबंधन
समय के साथ रक्षाबंधन का स्वरूप और व्यापक हो गया है। अब यह केवल सगे भाई-बहन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि:
कई बहनें अपने चचेरे, ममेरे, दोस्तों और यहाँ तक कि पड़ोसियों को भी राखी बांधती हैं।
कुछ महिलाएं सैनिकों को राखी भेजकर उनकी सुरक्षा के लिए आभार प्रकट करती हैं।
कई संगठन और स्कूल इस दिन “सामाजिक भाईचारे” का संदेश फैलाने के लिए कार्यक्रम करते हैं।
त्योहार की तैयारी और उत्सव
बाजार की रौनक: रक्षाबंधन से पहले ही बाजार रंग-बिरंगी राखियों, सजावटी डिब्बों और मिठाइयों से सज जाते हैं।
खास पकवान: घरों में मिठाई, पूरी, हलवा और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं।
रक्षा सूत्र का महत्व: राखी केवल एक धागा नहीं, बल्कि प्यार, विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक है।
रक्षाबंधन का संदेश
रक्षाबंधन हमें सिखाता है कि रिश्तों में केवल खून का रिश्ता ही जरूरी नहीं, बल्कि प्रेम, सम्मान और एक-दूसरे के लिए खड़े होने का भाव ही असली बंधन है। यह त्योहार भाई-बहन के साथ-साथ समाज में भी प्रेम और एकता का संदेश देता है।
