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केवटी विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास: 1977 से 2020 तक का पूरा सफर

 केवटी विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास: 1977 से 2020 तक का पूरा सफर
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बिहार : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी माहौल गरम है। हमारी खास सीरीज “सीट का समीकरण” में आज बात करते हैं केवटी विधानसभा सीट की। यह सीट कई दिग्गज नेताओं का गढ़ रही है. यहीं से जीतकर गुलाम सरवर विधानसभा अध्यक्ष बने थे और पूर्व केंद्रीय मंत्री हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे अशोक कुमार यादव तीन बार विधायक रह चुके हैं। वर्तमान में यहां से भाजपा के मुरारी मोहन झा विधायक हैं।

दरभंगा जिले में केवटी सीट

दरभंगा जिले में 3 अनुमंडल और 18 ब्लॉक हैं। जिले की 10 विधानसभा सीटों में से एक है केवटी। 1977 में पहली बार इस सीट पर चुनाव हुआ, जिसे पहले केवटी रनवे कहा जाता था।

मुख्य चुनावी पड़ाव

1977 – जनता पार्टी की पहली जीत

जनता पार्टी के दुर्गा दास राठौड़ ने कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद यादव को 26,273 वोट से हराया।

1980 और 1985 – कांग्रेस का दबदबा

1980 में शमाओले नबी और 1985 में कलीम अहमद ने कांग्रेस को जीत दिलाई।

1990 से 2000 – गुलाम सरवर का स्वर्ण काल

जनता दल और फिर राजद के टिकट पर गुलाम सरवर ने 1990, 1995 और 2000 में लगातार तीन जीत दर्ज की।

2005–2010 – भाजपा की मजबूती

अशोक कुमार यादव ने 2005 (फरवरी और अक्तूबर) और 2010 में भाजपा को जीत दिलाई।

2015 – राजद की वापसी

राजद के फराज फतामी ने भाजपा के अशोक कुमार को हराया।

2020 – भाजपा की पुनः वापसी

भाजपा के मुरारी मोहन झा ने अब्दुल बारी सिद्दीकी को 5,126 वोट से हराकर जीत दर्ज की।

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