राहुल गांधी को मानहानि मामले में चाईबासा कोर्ट से मिली राहत

झारखंड : झारखंड के चाईबासा में बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि केस में राहत मिली है। चाईबासा की MP-MLA स्पेशल कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। यह मामला बीजेपी नेता प्रताप कटिहार द्वारा 2018 में दायर किया गया था और अब करीब 6 साल बाद कोर्ट में सुनवाई के लिए राहुल गांधी को पेश होना पड़ा।
पूरा विवाद: कहां से शुरू हुआ मामला?
यह केस 28 मार्च 2018 को दिल्ली में हुए कांग्रेस अधिवेशन में राहुल गांधी द्वारा दिए गए एक बयान से जुड़ा है। इस भाषण में उन्होंने तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को लेकर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
इस बयान पर आपत्ति जताते हुए बीजेपी के नेता प्रताप कटिहार ने 9 जुलाई 2018 को चाईबासा सीजेएम कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।
राहुल गांधी की पेशी और कोर्ट की कार्रवाई
पिछले कई वर्षों में कोर्ट की ओर से कई समन भेजे गए, लेकिन राहुल गांधी पेश नहीं हुए।
आखिरकार 26 जून 2025 को कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी कर दिया।
इसके बाद राहुल गांधी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर वारंट को चुनौती दी।
बुधवार को राहुल गांधी कोर्ट में पेश हुए और जमानत की अर्जी दी, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
मामला चाईबासा से रांची और फिर वापस चाईबासा कैसे पहुंचा?
शुरुआत में केस चाईबासा सीजेएम कोर्ट में था।
बाद में इसे रांची स्थित एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट भेजा गया।
लेकिन चाईबासा में MP-MLA स्पेशल कोर्ट की स्थापना के बाद फिर से केस को वहीं ट्रांसफर कर दिया गया।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और संभावित असर
यह मामला ऐसे समय में तूल पकड़ रहा है जब लोकसभा में राहुल गांधी विपक्ष के प्रमुख नेता हैं और भाजपा लगातार उनके पुराने बयानों को लेकर हमलावर रही है। हाल के वर्षों में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिनमें से कई राजनीतिक रूप से संवेदनशील माने जाते हैं।
