ऑपरेशन सिंदूर के बाद जैश-ए-मोहम्मद फिर बना रहा हेडक्वार्टर

नई दिल्ली/इस्लामाबाद: भारत के सफल ऑपरेशन सिंदूर से जहां आतंकवादियों के हौसले पस्त हुए हैं, वहीं पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद एक बार फिर से अपने नेटवर्क को जिंदा करने की कोशिश में जुट गया है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, जैश चीफ मसूद अजहर अब बहावलपुर में फिर से संगठन का हेडक्वार्टर तैयार करा रहा है, जो ऑपरेशन सिंदूर में पूरी तरह तबाह कर दिया गया था।
ऑपरेशन सिंदूर में क्या हुआ था?
भारत की ओर से की गई कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के तहत, जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय ‘सुभान अल्लाह मस्जिद’ को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया था। इस हमले में मसूद अजहर के परिवार के कई सदस्य और कई आतंकी कमांडर मारे गए थे। यह हेडक्वार्टर जैश का मुख्य ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक बेस था।
मसूद अजहर की नई साजिश
खुफिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग से पता चला है कि मसूद अजहर ने अब जमात समर्थकों के बीच चंदा जुटाने का अभियान शुरू कर दिया है। एक वायरल पोस्ट में कहा गया:
“सब एक होकर काम करें, पैसा इकट्ठा करें। किसने कितना दिया, इसका किसी को पता न चले।”
मसूद ने अपने समर्थकों से कहा है कि, “इस मुहिम से जमीन के कई हिस्से जन्नत बन जाएंगे। शहीद मस्जिदें फिर मुस्कुराएंगी। जिहाद के दीवानों के लिए नए रास्ते खुलेंगे।”
बहावलपुर में फिर तैयार हो रहा आतंक का अड्डा
मसूद अजहर बहावलपुर में फिर से एक आतंकी बेस बनाने की कोशिश में है।
सोशल मीडिया पर चलाया गया यह अभियान पूरी तरह गोपनीय रखा जा रहा है।
चंदे की रकम से इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने, हथियार खरीदने, और नए आतंकियों की भर्ती की योजना है।
क्या है भारत की प्रतिक्रिया?
भारत की खुफिया एजेंसियों ने इस गतिविधि पर करीब से निगरानी रखनी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि भारत किसी भी तरह की नई आतंकी साजिश को नाकाम करने के लिए पहले से तैयार है।
ग्लोबल महत्व
जैश-ए-मोहम्मद को संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका पहले ही आतंकी संगठन घोषित कर चुके हैं।
मसूद अजहर UN द्वारा ग्लोबल टेररिस्ट घोषित है।
अगर बहावलपुर में फिर से आतंकी बेस खड़ा होता है, तो यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती हो सकती है।
