ट्रंप ने भारत को दी टैरिफ़ बढ़ाने की दी धमकी

नई दिल्ली : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को चेतावनी दी है कि अगर भारत रूस से तेल ख़रीदना जारी रखता है, तो उस पर और अधिक टैरिफ़ (शुल्क) लगाए जाएंगे। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “भारत को इस बात की परवाह नहीं कि रूस की युद्ध मशीन यूक्रेन में कितने लोगों को मार रही है। इसलिए मैं भारत पर टैरिफ़ बढ़ाने जा रहा हूँ।”
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने ट्रंप की इस धमकी को “अनुचित और तर्कहीन” करार दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने जवाब में कहा कि अमेरिका और यूरोपीय देश खुद भी अभी तक रूस से व्यापार कर रहे हैं — जैसे कि यूरेनियम, पैलेडियम और रसायनों का आयात। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत केवल अपने नागरिकों को सस्ती और स्थिर ऊर्जा देने के लिए तेल आयात कर रहा है, और यह व्यापार वैश्विक तेल बाज़ार की स्थिरता के लिए भी जरूरी है।
भारत क्यों खरीद रहा है रूसी तेल?
2022 में जब रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ, तो यूरोपीय देशों ने रूस से तेल ख़रीदना कम कर दिया। उस समय, अमेरिका ने खुद भारत को रूस से तेल लेने की सलाह दी थी ताकि बाज़ार में कीमतें स्थिर रह सकें।
ट्रंप के आरोप
ट्रंप ने कहा कि भारत तेल खरीदकर उसे फिर खुले बाज़ार में बेचकर मुनाफ़ा कमा रहा है। साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया कि भारत का यह कदम रूस को युद्ध जारी रखने में मदद दे रहा है।
विशेषज्ञों की राय
डॉ. मनन द्विवेदी, अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार, कहते हैं, “भारत अकेला देश नहीं है जिस पर ट्रंप ने टैरिफ़ लगाया है। चीन, यूरोप और वियतनाम जैसे देश भी ट्रंप की टैरिफ़ नीति से प्रभावित रहे हैं।” डॉ. शुभदा चौधरी, मिडिल ईस्ट इनसाइट्स की संस्थापक, मानती हैं कि भारत को अब ब्रिक्स, आसियान, यूरोप और ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को आगे बढ़ाना चाहिए ताकि अमेरिका पर निर्भरता कम की जा सके।
भारत-अमेरिका संबंधों पर असर?
पूर्व अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी का एक बयान फिर से वायरल हो गया है, जिसमें वे खुद कहते हैं, “भारत ने अमेरिकी मांग के अनुसार ही रूस से तय दाम पर तेल खरीदा था, ताकि बाज़ार में कीमतें न बढ़ें।” यह दिखाता है कि ट्रंप के आरोप पूरी तरह सही नहीं हैं।
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने राष्ट्रीय हित और ऊर्जा सुरक्षा को प्राथमिकता देगा। वहीं, अमेरिकी चुनावी राजनीति के चलते ट्रंप की यह टिप्पणी भारत के साथ संबंधों में तनाव बढ़ा सकती है।
