ब्रह्मांड के 95% अनदेखे हिस्से को समझने की दिशा में बड़ा क़दम

वाशिंगटन डीसी : एक ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ज़ेल्को इवेज़िक की आंखों में चमक थी ठीक वैसी जैसी किसी वैज्ञानिक के चेहरे पर तब आती है जब वो ब्रह्मांड के किसी रहस्य को छूने की दहलीज पर खड़ा होता है। उन्होंने कहा ,”यह बीस सालों की मेहनत है, अब हम ब्रह्मांड को उस नज़र से देख सकेंगे जैसा पहले कभी नहीं देखा गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो तस्वीरें दिखाई गईं, वो महज़ रंगीन पोस्टर नहीं थीं — वे वैज्ञानिक इतिहास का अगला अध्याय थीं। हजारों प्रकाशवर्ष दूर की आकाशगंगाओं की साफ़, रंगीन, हाई-डेफ़िनिशन झलकें।
वेरा रुबिन वेधशाला: खगोल विज्ञान की नई क्रांति
चिली के 10,000 फीट ऊंचे पर्वत पर स्थित वेरा रुबिन वेधशाला अक्टूबर 2025 से एक दस वर्षीय सर्वेक्षण शुरू करने जा रही है। यह वेधशाला हर कुछ रातों में दक्षिणी गोलार्ध के आकाश की बारीकी से स्कैनिंग करेगी और ऐसा डेटा जुटाएगी जो अब तक किसी वेधशाला ने नहीं किया।
दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा
कैमरा: 3200 मेगापिक्सेल
आकार: एक कार के बराबर
डाटा उत्पादन: रोज़ाना 20 टेराबाइट
एक तस्वीर = 400 HD टीवी स्क्रीन का रेजोल्यूशन
यह कैमरा सीमोन्यी सर्वे टेलीस्कोप में लगा है और इसकी ताक़त ऐसी है कि यह हमें उन आकाशगंगाओं की झलक देगा जो अब तक वैज्ञानिकों की आंखों से ओझल थीं।
डार्क मैटर और डार्क एनर्जी: ब्रह्मांड का 95% हिस्सा
डॉ. बुर्चिन मूटलू पाकडिल के अनुसार, “हम ब्रह्मांड का सिर्फ़ 5% हिस्सा ही देख सकते हैं। बाकी 95% हिस्सा डार्क मैटर और डार्क एनर्जी से बना है जिन्हें न देखा जा सकता है, न छुआ जा सकता है।”
वेरा रुबिन वेधशाला इस अदृश्य हिस्से को समझने की एक बड़ी कोशिश है। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी स्केल पर टाइमलैप्स के ज़रिए ब्रह्मांड में हो रहे सूक्ष्म बदलावों का अध्ययन होगा।
वेरा रुबिन: जिनकी नज़र ने ब्रह्मांड की दिशा बदली
1970 के दशक में खगोलशास्त्री वेरा रुबिन ने एंड्रोमेडा आकाशगंगा के घूमने की गति पर रिसर्च कर डार्क मैटर के अस्तित्व का पहला सबूत दिया था। उनके नाम पर बनी यह वेधशाला एक प्रतीक भी है — विज्ञान में महिलाओं की भूमिका का, और इंसानी जिज्ञासा की सीमाओं को लांघने के जुनून का।
क्या खास है इस टेलीस्कोप में?
पहलू विवरण
स्थान चिली, 10,000 फीट ऊंचाई पर
मुख्य यंत्र सीमोन्यी सर्वे टेलीस्कोप
कैमरा 3200MP डिजिटल कैमरा
डेटा ट्रांसफर चिली → अमेरिका → फ्रांस/UK
संचालन अक्टूबर 2025 से शुरू
अवधि 10 साल तक सर्वे
Q: वेरा रुबिन वेधशाला का उद्देश्य क्या है?
A: इसका उद्देश्य ब्रह्मांड की अदृश्य ताक़तों, डार्क मैटर और डार्क एनर्जी, को समझना है और आसमान की विस्तृत निगरानी करना है।
Q: वेरा रुबिन वेधशाला को चिली में क्यों बनाया गया?
A: चिली का साफ़ और सूखा मौसम, ऊंचाई और प्रदूषण-मुक्त आसमान खगोल अध्ययन के लिए आदर्श है।
Q: इस टेलीस्कोप की तस्वीरें कितनी स्पष्ट हैं?
A: इसकी 3200 मेगापिक्सेल कैमरा एक ऐसी तस्वीर खींच सकता है जिसे देखने के लिए 400 HD टीवी स्क्रीन की ज़रूरत होगी।
वेरा रुबिन वेधशाला महज़ एक टेलीस्कोप नहीं, बल्कि एक नया नज़रिया है। ब्रह्मांड को देखने का, समझने का और उससे जुड़े सवालों के जवाब खोजने का। जैसे-जैसे यह वेधशाला आकाश की परतें हटाएगी, हमें ब्रह्मांड के सबसे बड़े सवालों जैसे हम कहाँ से आए हैं और हम कहाँ जा रहे हैं, का उत्तर थोड़ा और करीब मिलेगा।
