राज्य सभा में CISF की तैनाती के मुद्दे पर हंगामा

संसद का मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ता दिख रहा है. 21 जुलाई से शुरू हुआ यह सत्र 21 अगस्त तक चलेगा, लेकिन विपक्ष के विरोध और गतिरोध के कारण सदन का कामकाज पटरी से उतर गया है. लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, विपक्ष दलों के सांसद बिहार में चुनाव आयोग के चलाए जा रहे SIR अभियान की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे.वहीं संसद में जारी इस गतिरोध के बीच आज NDA संसदीय दल की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी शामिल हुए.
राज्य सभा में CISF की तैनाती के मुद्दे पर पर जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष और उप सभापति के बीच मंगलवार को बहस हुई है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मुद्दे पर तीखी आपत्ति जताते हुए उपसभापति हरिवंश से कई तीखे सवाल किए। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी सांसदों को मुद्दे उठाने से रोका जा रहा है। राज्यसभा के वेल में सीआईएसएफ की तैनाती कर हमारे अधिकारों को छीना जा रहा है। खरगे ने कहा कि सर, मैं हैरान और चकित हूं कि जिस तरह से राज्यसभा के अंदर सीआईएसएफ की तैनाती की गई है।
वे उस समय वेल में घूम रहे होते हैं जब सदस्य विरोध के अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग कर रहे होते हैं।खरगे ने दिवंगत बीजेपी नेता सुषमा स्वराज और अरुण जेटली के बयान का हवाला देते हुए कहा कि इन दोनों नेताओं ने साफ-साफ कहा था कि सदन के अंदर डिस्टर्ब करना लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। ये कोई बड़ी बात नहीं है, हम डेमोक्रेटिक तरीके से इसे करते रहेंगे। बस हमने इतना ही आपको पत्र में लिखा। लेकिन आप को ऑब्जेक्शन क्यों हुआ। लेकिन हमारी बात नहीं सुनी जा रही है। क्या हमलोग आतंकवादी हैं क्या?
इसपर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि मैंने इस मामले पर सदन के बाहर बात की थी। उन्होंने कहा कि आपकी चिट्ठी मीडिया में पहुंचाई गई। उन्होंने कहा कि सदन के अंदर मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा। उपसभापति ने कहा कि ये संसदीय सिक्यॉरिटी के लोग हैं और खरगे के आतंकवादी वाले बयान के सभा की कार्यवाही से हटाने को कह दिया।राज्यसभा में सीआईएसएफ की तैनाती पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और उपसभापति हरिवंश के बीच बहस के बाद पक्ष के नेता जेपी नड्डा ने अपनी बात रखी है. इस दौरान जेपी नड्डा ने कहा, ‘आप (विपक्ष) सदन को चलने नहीं देते हैं, ये तरीका अलोकतांत्रिक है. मुझे 40 वर्षों तक विपक्ष में रहने का अनुभव, इस पर आप (विपक्ष) मुझसे ट्यूशन ले सकते हैं
