भारत ने इंग्लैंड को रोमांचक मुकाबले में हराया, ओवल टेस्ट में सिराज बने हीरो

लंदन, ओवल स्टेडियम: पाँच मैचों की टेस्ट सीरीज़ का अंतिम मुक़ाबला एक फ़िल्मी क्लाइमैक्स की तरह खत्म हुआ। भारत ने इंग्लैंड को ओवल टेस्ट में 6 रनों से हराकर सीरीज़ 2-2 से बराबर कर ली। लेकिन इस जीत के साथ सिर्फ़ स्कोरलाइन नहीं बदली, बल्कि कई दिलों की धड़कनें भी तेज़ हुईं।
जब स्टेडियम में छूट गए जूते और अंडरवियर!
इंग्लैंड और भारत के बीच हुए इस रोमांचक टेस्ट के खत्म होने के कुछ घंटों बाद ओवल मैदान धीरे-धीरे खाली हो रहा था। लेकिन जेएम फिन स्टैंड की सीढ़ियों पर पड़ा एक जूता, कुछ अंडरवियर और फिर दूसरा जूता, जैसे कहानी कह रहे थे — कोई व्यक्ति बिना पैंट और जूते के चला गया! यह वाकया उस हड़कंप को दर्शाता है जो मैदान पर और बाहर फैला था।
आखिरी दिन का रोमांच:
सोमवार सुबह, इंग्लैंड को चाहिए थे 35 रन और भारत को 4 विकेट। मैच ऐसे मोड़ पर था कि एक छोटी सी गलती पूरी सीरीज का परिणाम बदल सकती थी। भीड़ में उत्साह था, खिलाड़ियों में तनाव और टीवी स्क्रीन पर करोड़ों की निगाहें।
जेमी ओवर्टन और जेमी स्मिथ क्रीज़ पर थे। लेकिन जैसे ही स्मिथ ने लापरवाही दिखाई, मोहम्मद सिराज ने उनका विकेट चटका दिया। और फिर शुरू हुआ भारत की वापसी का सिलसिला।
सिराज का जज़्बा और भारत की फाइटिंग स्पिरिट
मोहम्मद सिराज पूरे टेस्ट में आग उगलते नज़र आए। जब-जब टीम को विकेट चाहिए था, सिराज ने मोर्चा संभाला। सिराज ने जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में खुद को साबित किया और भारतीय टीम को एक अद्भुत जीत दिलाई।
वोक्स की बहादुरी: एक हाथ से मैदान में उतरना
क्रिस वोक्स, जो पहले से चोटिल थे, सिर्फ़ एक हाथ के सहारे मैदान पर उतरे। उनका टैटू, जो उनके दिवंगत पिता की याद में था, उस दिन सभी भावनाओं का प्रतीक बन गया। भले ही वे रन नहीं बना पाए, लेकिन उनका मैदान में उतरना दर्शाता है कि टेस्ट क्रिकेट अभी भी “जेंटलमैन गेम” है।
सीरीज का नतीजा: 2-2 से बराबरी
भारत ने बिना बुमराह के दो टेस्ट जीते और इंग्लैंड ओल्ड ट्रैफर्ड में ड्रॉ से चूक गया। यह सीरीज इस बात का संकेत हो सकती है कि इंग्लैंड टीम में बदलाव आ सकते हैं — चाहे वह कप्तान बेन स्टोक्स हों या कोच ब्रेंडन मैकुलम।
आगे क्या?
इंग्लैंड अब नवंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में टेस्ट सीरीज खेलेगा, जहां बैज़बॉल का असली टेस्ट होगा। वहीं भारत ने इस जीत से यह साबित किया है कि युवा खिलाड़ियों में दम है और सिराज जैसे खिलाड़ी नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। ओवल में जो हुआ, वह सिर्फ़ एक टेस्ट नहीं था, यह जज़्बे, जुनून और जिद की कहानी थी। भारत ने जीत दर्ज कर सिर्फ़ मैच नहीं जीता, बल्कि क्रिकेट प्रेमियों के दिल भी जीत लिए।
