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‘पेशी के लिए क्रिकेट स्टेडियम की जरूरत पड़ेगी’, हजारों आरोपियों की भीड़ देखकर बोला सुप्रीम कोर्ट

 ‘पेशी के लिए क्रिकेट स्टेडियम की जरूरत पड़ेगी’, हजारों आरोपियों की भीड़ देखकर बोला सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली। ‘कैश फॉर जॉब’ घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को फटकार लगाई है। इस घोटाले में पूर्व मंत्री वी बालाजी का नाम भी शामिल है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से सभी आरोपियों समेत गवाहों से जुड़ी जानकारी मांगी है।

सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची ने मामले पर सुनवाई करते हुए इसे न्यायिक प्रणाली पर पूर्ण धोखाधड़ी करार दिया है। अदालत में हजारों आरोपियों की भीड़ देखकर कोर्ट ने  कहा कि इस मामले में पेशी के लिए क्रिकेट स्टेडियम की जरूरत पड़ेगी।

पूछे सवाल

मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस कांत ने कहा, “हम जानना चाहते हैं कि मंत्री बालाजी के अलावा इम घोटाले में मिडिलमैन या दलाल कौन था? वो कौन अधिकारी थे, जिन्होंने मंत्री का सुझाव माना? सेलेक्शन कमेटी के किन सदस्यों ने मंत्री का साथ दिया?

नियुक्ती पत्र जारी करने वाले सरकार के कौन से कर्मचारी इस घोटाले में शामिल हैं?”बता दें कि इस मामले में 2000 से ज्यादा लोगों पर नौकरी के बदले रिश्वत देने का आरोप है, जिन्हें सरकार ने अदालत में पेश किया है।

क्रिकेट स्टेडियम की जरूरत होगी: SC

मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “2000 से ज्यादा आरोपी और 500 से ज्यादा गवाहों के साथ यह अब तक का सबसे ज्यादा भीड़ वाला ट्रायल है। इसके लिए कोर्ट रूम पर्याप्त नहीं है। सभी आरोपियों की पेशी के लिए हमें एक क्रिकेट स्टेडियम की जरूरत पड़ेगी।”

राज्य सरकार को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आप चाहते हैं यह केस पूरी जिंदगी चलता रहे। जिन गरीब लोगों ने नौकरी के लिए मजबूरी में मंत्री और उनके सहयोगियों को रिश्वत दी, उन्हें भी आरोपी बनाकर पेश किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप (तमिलनाडु सरकार) यह केस पूर्व मंत्री के लिए पूरी जिंदगी (लाइफटाइम) चलता रहे। यह आप लोगों का मॉडस ऑपरेंडी है। यह पूरी तरह से एक घोटाला है। बता दें कि लगभग 2000 से ज्यादा लोग तमिलनाडु के ‘कैश फॉर जॉब’ घोटाले का शिकार हो चुके हैं।

क्या है पूरा मामला?

‘कैश फॉर जॉब’ घोटाले के आरोप में तमिलनाडु के पूर्व मंत्री बालाजी को गिरफ्तार किया गया था। लगभग 15 महीने में जेल में रहने के बाद उन्हें सितंबर 2024 में रिहा किया गया। पिछले साल अक्तूबर में तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन.रवि ने उन्हें फिर से मंत्री पद की शपथ दिलाई थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद बालाजी ने इसी साल अप्रैल में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

 

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