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पहलगाम में सुरक्षा क्यों नहीं थी, पर्यटकों को भगवान भरोसे छोड़ा गया; प्रियंका गांधी ने सरकार को घेरा

 पहलगाम में सुरक्षा क्यों नहीं थी, पर्यटकों को भगवान भरोसे छोड़ा गया; प्रियंका गांधी ने सरकार को घेरा
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नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लोकसभा में सरकार और विपक्ष के बीच जोरदार चर्चा चल रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष को करारा जवाब दिया। चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा। उन्होंने सवाल उठाया कि ऑपरेशन महादेव कल ही क्यों हुआ। प्रियंका गांधी ने भी पहलगाम हमले को लेकर केंद्र पर टारगेट किया।

शुभम की पत्नी ने कहा कि मैंने अपनी दुनिया को खत्म होते देखा

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहलगाम हमले पर केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने सवाल उठाया कि जब भारतीय नागरिकों को मारा जा रहा था तो उन्हें एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं दिखा। शुभम की पत्नी ने कहा कि मैंने अपनी दुनिया को खत्म होते देखा। वहां एक सिक्यॉरिटी गार्ड नहीं था। मैं ये कह सकती हूं कि देश ने, सरकार ने हमें वहां अनाथ छोड़ दिया।

मेरी मां के आंसू तब गिरे जब उनके पति को आतंकवादियों ने शहीद किया

प्रियंका गांधी ने लोकसभा में कहा कि पाकिस्तान को आपने शरण दिया ही क्यों, आपने शरण दिया ही क्यों, जैसे ही ये बात उठी शरण की बात की। हमारे गृह मंत्री जी इतिहास में चले गए नेहरू ने क्या किया इंदिरा ने क्या किया मेरी मां के आंसू भी गिना दिया, लेकिन ये जवाब नहीं दिया कि ये जंग रुका क्यों, इसका जवाब नहीं दिया।

मेरी मां की आंसू की बात की है मैं इसका जवाब देना चाहती हूं मेरी मां के आंसू तब गिरे जब उनके पति का आतंकवादियों को शहीद किया जब वो मात्र 44 साल की थी। जब मैं इस सदन में खड़ी हूं और उन 26 लोगों की बात कर रही हूं तो मैं इसलिए कर रही हूं क्योंकि मैं उनका दर्द जानती हूं।

राजनाथ तो पुलवामा, उड़ी और पठानकोट के समय गृह मंत्री रहे थे, आज रक्षा मंत्री हैं

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि सत्ता पक्ष के नेताओं ने 2008 के मुंबई के हमलों का जिक्र किया, मनमोहन सिंह की सरकार ने कुछ नहीं किया कि उसी समय जब वो आतंकवादी हमला चल रहा था तभी उन आतंकवादियों को मार डाला था। एक बचा था उसे भी 2012 में फांसी दे दी थी।

महाराष्ट्र के सीएम ने इस्तीफा दिया, देश के गृह मंत्री ने जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा दिया, एक एक जवाबदेही थी पब्लिक के प्रति, इस जवाबदेही थी इस देश की जनता के प्रति, इस देश की धरती के प्रति। राजनाथ तो पुलवामा, उड़ी और पठानकोट के समय गृह मंत्री रहे थे आज वो रक्षा मंत्री हैं हमारे गृह मंत्री महोदय अमित शाह के नाक के नीचे पूरा मणिपुर जल गया, दिल्ली में दंगा हो गया और आज भी वो उसी पद पर बैठै हैं क्यों।

बैसरन घाटी, पहलगाम में एक भी सुरक्षाकर्मी क्यों मौजूद नहीं था?

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि कल रक्षा मंत्री एक घंटे तक बोले, इस दौरान उन्होंने आतंकवाद, देश की रक्षा और इतिहास का पाठ भी पढ़ाया लेकिन एक बात छूट गई- यह हमला कैसे हुआ? बैसरन घाटी, पहलगाम में एक भी सुरक्षाकर्मी क्यों मौजूद नहीं था? क्या नागरिकों की सुरक्षा प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है?

पहलगाम हमले के बाद क्या किसी ने इस्तीफा दिया

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि गृह मंत्री महोदय ने जब यूपीए समय के आतंकवादी हमले तो लगभग 25 गिनाए थे, टीआरएफ ने 2020-25 के अंदर कश्मीर में अकेले 25 हमले किए हैं। पूरी लिस्ट है इन हमलों की, लेकिन मैं इतना कहूंगी कि इनमें रियासी का हमला था 2024 का जिसमें 9 लोग मारे गए थे।

2020 से लेकर 22 अप्रैल 2025 तक टीआरआएफ ने कुल 41 सेना और सुरक्षाकर्मियों की हत्या की। 27 नागरिकों को मारा, 54 लोगों को घायल किया। भारत सरकार ने टीआरएफ को आतंकवादी को कब दर्जा दिया 2023 में दिया। तीन साल बाद।

कश्मीर में तीन सालों के लिए आतंकवादी गतिविधियां कर रहे हैं। ये सब सरकार के संज्ञान में था। खुफिया एजेंसियां क्या कर रही थीं। हमले के बाद क्या किसी ने इस्तीफा दिया। क्या गृहमंत्री ने जिम्मेदारी ली।

देश के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है?

पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि क्या सरकार को मालूम नहीं था कि यहां रोज 1000-1500- पर्यटक जाते हैं, अगर यहां कुछ हो जाएगा तो लोग यहां से निकल नहीं पाएंगे।

न सुरक्षा का न फर्स्ट ऐड का इंतजाम था, लोग वहां पर ये सरकार के भरोसे गए और इस सरकार ने उन्हें भगवान के भरोसे छोड़ दिया। देश के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है, क्या इस देश के पीएम की नहीं, क्या इस देश के गृह मंत्री की नहीं है क्या रक्षा मंत्री की नहीं है।

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