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गाजा को लेकर UNSC में भारत की दो टूक: स्वास्थ्य-शिक्षा व्यवस्था हुई तबाह; हो युद्धविराम

 गाजा को लेकर UNSC में भारत की दो टूक: स्वास्थ्य-शिक्षा व्यवस्था हुई तबाह; हो युद्धविराम
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न्यू यार्क। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि पी हरीश ने फलस्तीनी मुद्दे सहित पश्चिम एशिया की वर्तमान स्थिति पर भारत का रुख साफ किया।

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की त्रैमासिक खुली बहस के दौरान भारत का पक्ष रखते हुए कहा, ‘आगे का रास्ता साफ है, और भारत इस संबंध में लगातार आगे बढ़ता रहा है। मानवीय त्रासदी जारी नहीं रहनी चाहिए। संकटग्रस्त इलाकों में निरंतर और समय पर मानवीय सहायता सुरक्षित तरीके से पहुंचनी चाहिए।’

बुनियादी चीजों की कमी से जूझ रहे लोग

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि ‘बिगड़ती मानवीय स्थिति से निपटने के लिए केवल हमलों पर रोक ही काफी नहीं है। हरीश ने कहा, ‘लोगों के सामने आने वाली मानवीय चुनौतियों के समाधान के लिए हमलों में रुक-रुक कर विराम ही पर्याप्त नहीं है।

गाजा में लोग हर दिन भोजन और ईंधन की भारी कमी, अपर्याप्त चिकित्सा सेवाओं और शिक्षा तक पहुंच जैसी बुनियादी चीजों की कमी से जूझ रहे हैं।’ उन्होंने गाजा में स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा व्यवस्था की लगातार तबाह होती स्थिति पर चिंता व्यक्त की।

‘लाखों बच्चे नहीं जा पर रहे स्कूल’

पी. हरीश ने कहा, ‘WHO का अनुमान है कि गाजा के लगभग 95 प्रतिशत अस्पताल क्षतिग्रस्त या नष्ट हो चुके हैं। मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, 6,50,000 से ज्यादा बच्चे 20 महीनों से ज्यादा समय से स्कूली शिक्षा से वंचित हैं।’ युद्धविराम के साथ सभी बंधकों को रिहाई होनी चाहिए।

पी. हरीश ने कहा, शांति का कोई विकल्प नहीं है। युद्धविराम लागू होना चाहिए। सभी बंधकों को रिहा किया जाना चाहिए। इन उद्देश्यों को हासिल करने के लिए संवाद और कूटनीति ही एकमात्र विकल्प हैं। इसके अलावा कोई अन्य समाधान नहीं है।’

फलस्तीन का किया समर्थन

हरीश ने फलस्तीन के प्रति भारत के ऐतिहासिक समर्थन को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि ‘भारत के फलस्तीनी भाइयों और बहनों के साथ ऐतिहासिक और मजबूत संबंध हैं। हम हमेशा उनके साथ खड़े रहे हैं, और फलस्तीनी हितों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है।

हम फलस्तीनी राज्य को मान्यता देने वाले पहले गैर-अरब देश थे।’ उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में प्रत्यक्ष सहायता और UNRWA जैसे संगठनों के साथ साझेदारी के माध्यम से फलस्तीनी लोगों की सहायता के लिए 4 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की मदद कर रहा है।

इस्राइल ने आरोपों से किया इनकार

इस बीच, इस्राइल ने गाजा को मानवीय सहायता की आपूर्ति पर कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा दिए गए बयानों को खारिज कर दिया। इस्राइली विदेश मंत्रालय ने इन संगठनों पर हमास के दुष्प्रचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

इस्राइल ने कहा कि इस तरह के बयान युद्धविराम के लिए चल रही बातचीत को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लगभग 4,500 ट्रक भोजन, आटा और बच्चों का खाना लेकर गाजा में प्रवेश कर चुके हैं। 700 से ज़्यादा सहायता ट्रक वर्तमान में गाजा के अंदर हैं, लेकिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा उठाए जाने का इंतज़ार कर रहे हैं।

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