अखिलेश यादव की मस्जिद के अंदर मीटिंग पर विवाद, भाजपा बोली- यह संविधान का उल्लंघन

नई दिल्ली/लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद अखिलेश यादव द्वारा संसद भवन के पास एक मस्जिद में कथित रूप से आयोजित राजनीतिक बैठक को लेकर विवाद तेज हो गया है। यह मामला भाजपा और सपा के बीच नए विवाद की वजह बन गया है।
भाजपा ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए सपा पर धार्मिक स्थल का राजनीति में इस्तेमाल का आरोप लगाया है, जबकि अखिलेश यादव ने भाजपा पर समाज को विभाजित करने का आरोप लगाया है।
ब्रजेश पाठक ने कहा- यह संविधान का उल्लंघन
दरअसल, कल 22 जुलाई को नई दिल्ली में संसद के निकट एक मस्जिद में सपा नेताओं की बैठक हुई, जिसकी जानकारी सामने आने पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उप्र के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “सपा और अखिलेश यादव संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं। धार्मिक स्थलों का राजनीतिक उपयोग संविधान का उल्लंघन है।”
अखिलेश यादव का पलटवार
वहीं, अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा, “आस्था जोड़ने का काम करता है। भाजपा को यह सहन नहीं हो रहा कि लोग अपने धर्म और आस्था से जुड़ें। हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम सभी समुदायों के साथ हैं।” सपा सांसद राजीव राय ने भी प्रतिक्रिया दी, “क्या हमें मंदिर और मस्जिद जाने के लिए भाजपा से लाइसेंस लेना पड़ेगा?”
इस विवाद को और बढ़ाते हुए, भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा ने 25 जुलाई को मस्जिद में नमाज-ए-जुमा के बाद अपने बैठक की योजना भी की है, जिसे भाजपा का जवाब माना जा रहा है। यह मामला राजनीतिक बहस और धार्मिक भावना को भड़काने का एक प्रयास माना जा रहा है, जिसमें दोनों पक्षों की प्रतिक्रिया जारी है।
