145 सांसदों ने CJI के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए

भारतीय संसद में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, 145 लोकसभा सांसदों ने जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। इस प्रस्ताव के माध्यम से लोकसभा अध्यक्ष को एक औपचारिक ज्ञापन भी सौंपा गया है। यह महाभियोग प्रस्ताव भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 218 के तहत दायर किया गया है।
संपूर्ण राजनीतिक दलों के समर्थन से यह प्रस्ताव मजबूत हुआ है, जिसमें कांग्रेस, तेलुगु देशम पार्टी (TDP), जनता दल यूनाइटेड (JDU), जनता दल सेक्युलर (JDS), जनसेना पार्टी, असम गण परिषद (AGP), शिवसेना (शिंदे गुट), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), स्वराज इंडिया पार्टी (SKP), और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं।
यह कदम तब उठाया गया है जब जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर 15 मार्च 2025 को 500 रुपये के अधजले नोटों का संदिग्ध बंडल पाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। सांसदों ने इस घटनाक्रम के बाद न्यायपालिका की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं और इसे संसद में उठाया है।
अब संसद इस मामले की गंभीरता से जांच करेगी और तय करेगी कि क्या जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जानी चाहिए। वहीं, राज्यसभा में भी इसी मामले को लेकर एक अलग प्रस्ताव का नोटिस कांग्रेस सांसद और व्हिप नासिर हुसैन द्वारा दिया गया है, जिसे 60 से अधिक सांसदों का समर्थन प्राप्त है। इस प्रस्ताव पर चर्चा की संभावना भी व्यक्त की जा रही है।
यह मामला देश की न्यायिक और राजनीतिक क्षेत्र में हलचल मचा रहा है, और आने वाले दिनों में इस पर व्यापक बहस होने की उम्मीद है। संसदीय प्रक्रिया और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को लेकर यह मामला देश के राजनीति और न्याय व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
