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निमिषा प्रिया को माफी से पीड़ित परिवार का इनकार, ब्लड मनी पर नहीं बन पाई बात

 निमिषा प्रिया को माफी से पीड़ित परिवार का इनकार, ब्लड मनी पर नहीं बन पाई बात
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सना। यमन में मौत की सजा का सामना कर रही केरल की नर्स निमिषा प्रिया की जिंदगी बचाने के लिए प्रयास जारी हैं। हालांकि, 16 जुलाई को होने वाली उनकी फांसी टल गई है, लेकिन यह यह केवल अस्थायी राहत है।

हूतियों के नियंत्रण वाली राजधानी सना की जेल में बंद भारतीय नर्ष को अब किसी चमत्कार की उम्मीद है, क्योंकि पीड़ित के तलाल अब्दो महदी के भाई ने निमिषा को माफी देने के लिए किसी तरह की बातचीत में शामिल होने से इनकार किया है। निमिषा को अपने पूर्व यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या के जुर्म में मौत की सजा सुनाई गई है।

निमिषा प्रिया पर क्या हैं आरोप?

निमिषा प्रिया पर आरोप है कि उन्होंने साल 2017 में तलाल अब्दो महदी को बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर हत्या कर दी थी। हालांकि, निमिषा प्रिया के वकीलों का कहना है कि महदी ने उनका पासपोर्ट कब्जा कर रखा था।

इसे वापस लेने के लिए उन्होंने बेहोशी का इंजेक्शन लगाया था, लेकिन ओवरडोज होन के चलते मौत हो गई। निमिषा को महदी की हत्या और बॉडी को ठिकाने लगाने के जुर्म में दोषी ठहराया गया। साल 2020 में निमिषा को मौत की सजा सुनाई गई थी।

निमिषा को दियाह ही बचा सकता है

अब निमिषा की जिंदगी को केवल दियाह यानी ब्लड मनी के जरिए ही बचाया जा सकता है। शरिया कानून में दियाह एक तरह का आर्थिक मुआवजा होता है, जिसके बदले में पीड़ित का परिवार दोषी को माफ कर सकता है।

हालांकि, पीड़ित तलाल अब्दो के भाई अब्देल फतेह महदी किसास पर जोर दे रहे हैं। यह एक इस्लामी कानून है, जो आंख के बदले आंख के सिद्धांत पर आधारित है। इसका मतलब है कि महदी का परिवार निमिषा के लिए फांसी चाहता है। अब्देल फतेह महदी का कहना है कि निमिषा ने तलाल की हत्या पूरी प्लानिंग के साथ की थी और इसमें किसी तरह की माफी की गुंजाइश नहीं है।

उन्होंने किसास पर जोर दिया और भारत के किसी भी वार्ताकार के साथ बातचीत में किसी भी तरह की भागीदारी से इनकार किया है। न्यूज मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, फतेह महदी ने सोशल मीडिया पोस्ट पर अरबी में लिखा कि उन्होंने किसी भी व्यक्ति, प्रतिनिधि या मध्यस्थ से मुलाकात नहीं की है।

निमिषा की जिंदगी के सामने संकट

महदी के परिवार के से इनकार के बाद निमिषा की जिंदगी बचाने में जुड़ी टीम के सामने संकट खड़ा हो गया है। अगर परिवार दियाह से इनकार करता है तो फांसी को रोक पाना बहुत मुश्किल हो सकता है। हालांकि, एक राहत की बात है कि फांसी को टालने के पहले यमनी प्रशासन ने तलाल महदी के परिवार को कोई सूचना नहीं दी थी। ऐसे में कूटनीतिक प्रयासों के लिए एक उम्मीद बनती भी दिखाई देती है।

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