मुस्लिम दुनिया के सिर पर हजारों बेगुनाहों के खून का बोझ, इस्लामिक देशों पर भड़का हमास

गाजा। फिलिस्तीनी गुट हमास ने कहा है कि वह युद्धविराम के लिए तैयार है लेकिन इजरायल ने इसे नहीं माना। हमास की सशस्त्र शाखा अल कसम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू ओबैदा ने शुक्रवार को बयान जारी करते हुए ये बात कही है। उन्होंने कहा कि गाजा से बंदियों को रिहा करने के समझौते को इजरायल ने अस्वीकार किया।
हमास ने इजरायल के साथ-साथ अरब और इस्लामिक देशों पर गुस्सा निकाला है। हमास प्रवक्ता ने कहा कि अरब दुनिया की फिलिस्तीन पर चुप्पी उनको गाजा नरसंहार का भागीदार बनाती है। हमास की ओर से चार महीने बाद ये आधिकारिक बयान आया है। इससे पहले मार्च में ओबैदा ने स्टेटमेंट दिया था।
अबू ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘व्यापक युद्धविराम समझौते के तहत गाजा से सभी बंदियों को एक साथ रिहा करने की बार-बार पेशकश की गई लेकिन इजरायल ने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके मंत्रिमंडल ने हमास के प्रस्ताव को अस्वीकार किया। इसके उलट इजरायली नेतृत्व ने अपनी जनता को इस संभावना के लिए तैयार किया कि उनके सभी बंदियों की मौत हो जाएगी।’
युद्ध पर इजरायल अड़ा है: हमास
कतर में युद्धविराम वार्ता पर अबू ओबैदा ने कहा कि इजरायल इस दौर की बातचीत से इनकार करता है तो हमास 10 कैदियों के प्रस्ताव पर वापसी की गारंटी नहीं देगा। MEE ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि हमास के वरिष्ठ नेता ने इजरायली बंधकों के परिवारों को यह बताने के लिए कहा है कि वह युद्ध समाप्त करने के लिए समझौते पर पहुंचने को लेकर गंभीर है लेकिन उसे इजरायल के अड़ियल रुख का सामना करना पड़ रहा है।
हमास प्रवक्ता ने कहा कि इजराइयल युद्ध जारी रखने, गाजा पट्टी को तबाह करने और आबादी को विस्थापित करने पर अड़ा हुआ है। वह किसी तरह का कोई समझौता मानने को तैयार नहीं है। इस साल जनवरी में हमास और इजरायल के बीच युद्धविराम हुआ था लेकिन मार्च में यह समझौता टूट गया। इसके बाद इजरायल ने फिर से गाजा पर बमबारी फिर से शुरू कर दी। इसके बाद युद्धविराम की कोशिशें फेल रही हैं।
अरब भी गाजा की तबाही का जिम्मेदार
अबू ओबैदा ने अपने संदेश में दुनियाभर के उन लोगों का शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाई। उन्होंने यमन के हूतियों की प्रशंसा करते हुए उनको सच्चे भाई कहा है।
दूसरी ओर ओबैदा ने फिलिस्तीनियों की रक्षा के लिए अपनी सेनाएं जुटाने में विफल रहने के लिए अरब नेताओं की भी कड़ी आलोचना की है। हमास प्रवक्ता ने इस्लामी दुनिया, खासतौर से अरब देशों को निशाना बनाते हुए कहा कि इस रक्तपात की जिम्मेदारी से कोई भी मुक्त नहीं है।
अबू ने कहा, ‘हम किसी को भी दोषमुक्त नहीं कर सकते। अरब देश इस नरसंहार में शामिल हैं क्योंकि वे चुप रहे हैं। अरब मुल्कों के सिर पर हजारों निर्दोष लोगों के खून का बोझ है क्योंकि इनकी चुप्पी ने इजरायल का मनोबल बढ़ाया है।
