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ट्रंप के टैरिफ वॉर से घुटनों पर चीन! भारत से अब इस बात की गुहार लगा रहा ड्रैगन

 ट्रंप के टैरिफ वॉर से घुटनों पर चीन! भारत से अब इस बात की गुहार लगा रहा ड्रैगन
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नई दिल्ली। गलवान में झड़प के बाद भारत-चीन के रिश्तों में आई दूरियां अब कुछ हद तक कम होती दिख रही हैं। दोनों पक्ष की तरफ से इसको लेकर कोशिशें भी तेज है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण विदेश मंत्री एस जयशंकर का चीन में आयोजित एससीओ समिट (SCO Summit) में भाग लेना है।

जयशंकर ने समिट में भाग लेने के साथ चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ भी सीक्रेट मीटिंग की। इस नरम रुख के पीछे चीन की विवशता भी माना जा रहा है, जिसके चलते अब चीन भारत से नई गुहार भी लगा रहा है।

नया फ्रंट शुरू करना चाहता ड्रैगन

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वार के चलते चीन की कमर टूटती दिख रही है। इसी के कारण अब वो अलग भारत और रूस के साथ अलग फ्रंट (RIC) शुरू करना चाहता है।

चीन ने भारत से की ये अपील

चीनी विदेश मंत्रालय ने आज कहा कि चीन-रूस-भारत सहयोग से तीनों देशों को लाभ होगा और इसी के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक शांति, सुरक्षा, स्थिरता और प्रगति भी होगी। चीन त्रिपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए रूस और भारत के साथ संवाद बनाए रखने को तैयार है।

चीन से पहले रूस ने की पहल, दोनों को फायदा

चीन से पहले रूस ने इस फ्रंट की पहल की है। रूस ने तीनों देशों की बातचीत और बैठकों के आयोजन की भी पहल की थी। दरअसल, भारत से बेहतर रिश्ते रूस और चीन दोनों के लिए जरूरी है। रूस को अपने हथियार और तेल बेचने के लिए भारत की जरूरत है। पश्चिमी देशों के साथ बिगड़ते संबंधों के बीच वो एक ऐसा दोस्त चाहता है जो हमेशा साथ रहे।

वहीं, चीन पहले ही ट्रंप के टैरिफ वॉर से पीड़ित है। वो चाहता है कि भारत के साथ उसके व्यापारिक संबंध बेहतर ही रहे। इसी के साथ ट्रंप के टैरिफ वॉर के खिलाफ वो रूस और भारत की एकजुटता चाहता है।

भारत का भी आया जवाब

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने रूस, भारत और चीन (RIC) के बीच त्रिपक्षीय वार्ता की संभावना के बारे में बताया कि यह व्यवस्था तीनों देशों के बीच आपसी सामंजस्य बढ़ाने, क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर बात करने के लिए है। आगे की बैठक को लेकर तीनों देश आपस में विमर्श कर फैसला करेंगे।

 

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