छांगुर बाबा और सिंडिकेट के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज, 100 करोड़ का हुआ ट्रांजैक्शन

लखनऊ। धर्मांतरण के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसके सिंडिकेट के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। छांगुर और उसके नेटवर्क से जुड़े दो दर्जन बैंक खातों और 6 विदेशी खातों की जांच की जाएगी। इसके साथ ही, उनके और उनके करीबियों की संपत्तियों की भी जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
ईडी की कार्रवाई उन सुरागों के आधार पर हुई है, जो एसटीएफ की जांच में सामने आए थे। जांच में यह खुलासा हुआ था कि छांगुर बाबा के सिंडिकेट से जुड़े लोगों के खातों से करीब 100 करोड़ रुपये के ट्रांजैक्शन किए गए हैं। खासतौर पर जिन 6 विदेशी बैंक खातों से पैसे आए, उनकी जांच में तकनीकी और कानूनी अड़चनें आ रही थीं, जिसे अब ईडी सुलझाने में जुट गई है।
ED यह भी पता लगाने में लगी है कि दूसरे देशों से आई रकम को भारत में कहां और कैसे खर्च किया गया। यह पैसा किन-किन क्षेत्रों में निवेश हुआ या इसका इस्तेमाल किन उद्देश्यों के लिए किया गया, इसकी गहन जांच की जा रही है। इस कार्रवाई को मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध धन के नेटवर्क पर बड़ी चोट के रूप में देखा जा रहा है। जल्द ही छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों की संपत्तियों को अटैच करने की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है।
छांगुर की आलीशान कोठी पर चला बुलडोज़र
जमालुद्दीन उर्फ छांगुर ने बहराइच के रेहरामाफी गांव से निकलकर उतरौला के मधपुर गांव में अपना ठिकाना बना लिया था। यहीं से उसने धर्म परिवर्तन की मुहिम को तेज किया और एक डिग्री कॉलेज खोलने की योजना भी तैयार की थी।
उसने यहां एक आलीशान कोठी बनाई, जिसे चारों ओर से मजबूत बाउंड्री, करंट से भरे तारों और सीसीटीवी कैमरों से सुरक्षित किया गया था। उसकी कोठी को बिजली देने के लिए विशेष लाइन खींची गई थी, और एक बिजली का खंभा कोठी के अंदर ही लगाया गया था।
परिसर की निगरानी के लिए 10 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पहले प्रशासन ने बिजली की आपूर्ति बंद कर दी और पुलिस बल को मौके पर तैनात किया गया। कोठी खाली थी, जिससे ध्वस्तीकरण कार्य में कोई बाधा नहीं आई और प्रशासन ने पूरी कार्रवाई शांतिपूर्वक संपन्न की।
