कौन है नजीब अहमद, जो 9 साल पहले JNU से हुए लापता

9 साल पहले लापता हुए JNU के छात्र नजीब अहमद की तलाश अब आधिकारिक रूप से बंद कर दी जाएगी. दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में CBI की ओर से फाइल की गई क्लोज़र रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है. लेकिन कोर्ट ने जांच एजेंसी को स्वतंत्रता दी है कि अगर भविष्य में नजीब को लेकर कोई ठोस जानकारी सामने आती है तो वह फिर से जांच शुरू कर सकती है. नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 को ABVP के सदस्यों के साथ कथित विवाद के बाद लापता हो गया था. नजीब 15 अक्टूबर 2016 को लापता हो गए थे.
2018 में संघीय जांच एजेंसी ने मामले की जांच बंद कर दी थी. क्योंकि नजीब अहमद का पता लगाने के उसके प्रयासों से कोई नतीजा नहीं निकला था. इसके बाद सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट से ऐसा करने की अनुमति मिलने के बाद अदालत के समक्ष अपनी क्लोजर रिपोर्ट दायर की. नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को कोर्ट में चुनौती दी. उनके वकील ने कोर्ट के सामने दलील दी थी कि यह एक ‘राजनीतिक मामला’ है.
उन्होंने कहा कि सीबीआई ‘अपने आकाओं के दबाव में आ गई है.” जेएनयू में एमएससी बायोटेक्नोलॉजी के छात्र 27 वर्षीय नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 को विश्वविद्यालय के माही-मांडवी हॉस्टल से लापता हो गए थे. इससे पहले रात में कथित तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े कुछ छात्रों के साथ उनकी हाथापाई हुई थी. हालांकि हॉस्टल वार्डन ने नजीब को ऑटो से विश्वविद्यालय परिसर से बाहर जाते हुए देखने की पुष्टि की थी.
