ईरान के बुशहर पर अगर इजरायल ने हमले किए गए तो होगा विनाशकारी परिणाम

ईरान-इजरायल के बीच शुरू हुआ तनाव अब 11वें दिन में प्रवेश कर चुका है। इस्राइल ने अपने हवाई हमलों में ईरान के चार प्रमुख परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है। इनमें नतांज, इशफान, अरक और फोर्दो शामिल हैं। इन हमलों का मकसद है ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना। वहीं, अमेरिका ने रविवार को ईरान के तीन परमाणु केंद्रों—फोर्दो, इशफान और नतांज—पर हमला किया है। इस तरह की कार्रवाई से पूरे विश्व में चिंता फैल गई है, क्योंकि परमाणु केंद्रों से radiation फैलने की खबर है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।
रूस ने साफ कहा है कि अगर ईरान के बुशहर परमाणु संयंत्र पर हमला हुआ तो इससे शेर्नोबिल जैसी परमाणु आपदा हो सकती है। 1986 में यूक्रेन में हुए इस हादसे ने बड़े इलाके को रेडिएशन से तबाह कर दिया था। विशेषज्ञों का मानना है कि बुशहर का लोकेशन बेहद संवेदनशील है, क्योंकि यह फारस की खाड़ी के पास है। अगर इस पर हमला किया गया तो रेडियोएक्टिव पदार्थ हवा और पानी के जरिए समुद्र में फैल सकते हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में खतरा बढ़ जाएगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि बुशहर का परमाणु केंद्र फारस की खाड़ी के बिल्कुल मुहाने पर है, जहां अगर हमला किया गया तो radioactive substance हवा और पानी में फैल सकते हैं। इसकी वजह है कि यह क्षेत्र बड़ा और सक्रिय है, और यहां परमाणु संवर्धन का कार्य भी हो सकता है।
यदि यह केंद्र धमाके का शिकार बनता है, तो आसपास के खाड़ी देशों—सऊदी अरब, यूएई, कुवैत, ओमान, कतर, और बहरीन—को गंभीर खतरा हो सकता है। कई देशों का पानी प्यूरिफाई किया हुआ है और यदि रेडियोएक्टिव पदार्थ पानी में मिल गए, तो पानी की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। अगर इस्राइल या अमेरिका ने ईरान के बुशहर परमाणु केंद्र पर हमला किया, तो इसका प्रभाव सीधे खाड़ी देशों पर पड़ेगा। इन देशों का पानी मुख्य रूप से फारस की खाड़ी के पानी से आता है, जो अगर रेडियोधर्मी हो गया तो यहां की आबादी और पर्यावरण दोनों खतरे में पड़ सकते हैं। बहरीन और कतर जैसे देशों में तो पानी की पूरी निर्भरता प्यूरिफाई पानी पर है। ऐसे में, यदि परमाणु रिएक्टर पर हमला हुआ, तो खाड़ी के पानी में रेडियोधर्मी पदार्थ मिल सकते हैं, जो जान-माल दोनों के लिए खतरनाक साबित होंगे। यह संकट के बीच सभी देश अपनी-अपनी सुरक्षा और पर्यावरण को लेकर चिंतित हैं। संघर्ष का यह दौर आगे कितनी बढ़ेगा, यह देखना बाकी है।
