Facebook Twitter Instagram youtube youtube

बीजेपी के गढ़ AAP ने दिखाई ताकत, विसावदर सीट पर दर्ज की बड़ी जीत; जानें 5 कारण

 बीजेपी के गढ़ AAP ने दिखाई ताकत, विसावदर सीट पर दर्ज की बड़ी जीत; जानें 5 कारण
Spread the love

अहमदाबाद। दिल्ली विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने अच्छा कमबैक किया है। AAP ने बीजेपी के गढ़ गुजरात में 2022 के चुनावों में जीती विसावदर की सीट पर कब्जा बरकरार रखा है।

इस सीट से आप ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया को मैदान में उतारा था। गोपाल इटालिया ने कुछ राउंड को छोड़कर पूरे 21 राउंड की मतगणना में ज्यादातर समय बढ़त बनाए रखी। इटालिया ने बीजेपी के कैंडिडेट किरीट पटेल को 17,581 वोटों से शिकस्त दी।

बीजेपी के गढ़ गुजरात मे आप की जीत इसलिए बड़ी है क्योंकि आम आदमी पार्टी में दिल्ली की हार के बाद जबरदस्त निराशा थी। उपचुनावों मे सत्तारूढ़ दल का पलड़ा भारी माना जाना है, लेकिन आप ने पुख्ता व्यूह रचना से विसावदर में बीजेपी को कमल खिलाने से रोक दिया। बीजेपी इस सीट पर 2007 से जीत के लिए तरस रही है। इस बार के चुनाव में कुल 16 कैंडिडेट मैदान में थे।

विसावदर विधानसभा उप चुनाव रिजल्ट-2025 (किसे कितने वोट मिले?)

क्र. संख्या     प्रत्याशी      पार्टी                वोट

1      गोपाल इटालिया    आप           75906 (जीत)

2      किरीट पटेल         बीजेपी             58325

3      नितिन रणपारिया  कांग्रेस          5491

जीत के ये हैं पांच कारण 

1.पहले कैंडिडेट का ऐलान: आम आदमी पार्टी ने गुजरात में भी पंजाब वाला दांव खेला था। दिल्ली चुनावों में हार के बाद आप ने विसावदर सीट पर चुनाव आयोग की घोषणा से पहले ही कैंडिडेट का ऐलान कर दिया था। ऐसे में बीजेपी में जहां कैंडिडेट को लेकर आखिर तक जद्दोजहद जारी रही तो वहीं आप कैंडिडेट के साथ प्रचार में पहले ही जुटी चुकी थी।

2.बड़े चेहरे पर खेला दांव: गुजरात की इस सीट को बचाने के लिए आम आदमी पार्टी ने अपने बड़े चेहरे को मैदान में उतारा। गोपाल इटालिया ने इस क्षेत्र के निवासी नहीं होने के बाद भी पूरी विधानसभा में दो से तीन भ्रमण करके लोगों के बीच पैठ बना ली।

ऐसे में उन्होंने लोगों को खुद से जोड़ लिया। बीजेपी सत्ता में होने के बाद भी अंत तक चुनाव प्रचार में पिछड़ी रही। गोपाल इटालिया के सामने किरीट पटेल हल्के साबित हुए।

3.केजरीवाल के हीरो चैलेंज ने बनाया माहौल: 2022 के विधानसभा चुनावों में लोगों ने आप पर भरोसा किया था लेकिन भूपत भायाणी के बीजेपी में जाने से आप के दावे को झटका लगा था।

गोपाल इटालिया के नामांकन में पहुंचे अरविंद केजरीवाल को इसका एहसास था, तो उन्होंने सार्वजनिक तौर पर ऐलान कर दिया कि अगर बीजेपी गोपाल इटालिया को खरीद लेगी तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।

केजरीवाल के इस चैलेंज ने लोगों और पार्टी के कार्यकर्ताओं में विश्वास भर दिया। केजरीवाल ने विसावदर में कहा था कि उन्होंने अपने सबसे बड़े हीरो को उतारा है।

4.इटालिया ने बीजेपी को मुद्दों पर घेरा: विसावदर में जब पिछली बार आप जीती थी तो गोपाल इटालिया प्रदेश प्रमुख थे। वह उस चुनाव में सूरत की कतारगाम से लड़े थे, लेकिन इस बार गोपाल इटालिया ने बतौर कैंडिडेट विसावदर पर फोकस किया।

बतौर कैंडिडेट जबरदस्त होमवर्क किया और वे तमाम मुद्दे उठाए। जिन पर बीजेपी को घेरा जा सकता था। गोपाल इटालिया यह भरोसा जागने में सफल रहे कि अगर जनता उन्हें चुनती है तो वह उनकी आवाज बनेंगे।

5.इसुदान गढ़वी ने बूथ किए मजबूत: पत्रकारिता से राजनीति में आए इसुदान गढ़वी इस चुनाव में पूरी तरह से प्रदेश प्रमुख की भूमिका में रहे। सौराष्ट्र से आने वाले इसुदान गढ़वी ने विसावदर में गोपाल इटालिया को उतारने से पहले वहां सर्वे कराया और पार्टी कार्यकर्ताओं का रुख जाना।

इसके बाद उन्होंने उनकी इच्छा के अनुसार फैसला लिया। इसुदान गढ़वी ने अंत तक 11 नेताओं की कोर टीम बनाकर हर एक बूथ पर फोकस किया।

यही वजह है जहां पर तकनीकी खराबी आई तो आप दो मतदान केंद्रों पर री-पोलिंग कराने में सफल रही। गढ़वी यह कम्युनिकेट करने में सफल रहे कि लड़ाई आप और बीजेपी की है। यही वजह है कि कांग्रेस कैंडिडेट की जमानत जब्त हो गई।

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *