‘भारत-पाक युद्ध रुकवाने के लिए मुझे नहीं मिलेगा नोबेल पीस प्राइज ‘, डोनाल्ड ट्रंप का छलका दर्द

वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का क्रेडिट लिया। इसके साथ ही उन्होंने ये अफसोस भी जताया कि पिछले महीने दोनों देशों के बीत शांति स्थापित के लिए उन्हें नोबेल प्राइज नहीं मिलेगा। जबकि भारत लगातार कहता आ रहा है कि सीजफायर के लिए तीसरे देश ने मध्यस्थता नहीं की।
डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “मुझे भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाने के लिए नोबेल प्राइज नहीं मिलेगा। मुझे सर्बिया और कोसोवो के बीच युद्ध रोकने के लिए नोबेल प्राइज नहीं मिलेगा।
मुझे इजिप्ट और इथियोपिया के बीच शांति बनाए रखने के लिए नोबेल प्राइज नहीं मिलेगा और मुझे मिडिल ईस्ट में अब्राहम समझौते के लिए भी नोबेल प्राइज नहीं मिलेगा।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं चाहे जो भी करूं मुझे नोबेल पीस प्राइज नहीं मिलेगा। चाहे रूस/यूक्रेन और इजरायल/ईरान समेत नतीजा चाहे जो हो लेकिन लोग जानते हैं और मेरे लिए यही मायने रखता है।”
तीसरे की मध्यस्थता से भारत का इनकार
22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया, जिसके तहत भारतीय सेना ने आतंकी ठिकाने तो ध्वस्त किए ही साथ में पाकिस्तानी मिलिट्री बेस और एयरबेस भी तबाह हुए। इसके बाद पाकिस्तान ने सीजफायर की गुहार लगाई।
इसके तुरंत बाद डोनाल्ड ट्रंप ने इसका क्रेडिट लेने की कोशिश की तो भारत ने तीसरे देश की मध्यस्थता से इनकार कर दिया। भारत ने कई मौकों पर इस बात पर जोर दिया है कि पाकिस्तान के साथ सीजफायर करने के उसके फैसले में न तो अमेरिका और न ही किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका थी।
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप के साथ 35 मिनट तक टेलीफोन पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने मुख्य रूप से ऑपरेशन पर बात की और यह स्पष्ट किया कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते या भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने के लिए अमेरिका की ओर से मध्यस्थता जैसे मुद्दों पर चर्चा नहीं हुई।
