EV की रफ्तार के बावजूद CNG की डिमांड रहेगी बरकरार: नोमुरा की रिपोर्ट

नई दिल्ली: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) के बढ़ते चलन के बावजूद, भारत में CNG (Compressed Natural Gas) एक प्रमुख ऑटो ईंधन बना रह सकता है। ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक नोमुरा की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले वर्षों में CNG और EV दोनों ही भारत की ग्रीन मोबिलिटी का हिस्सा बने रहेंगे।
दिल्ली में CNG पर भी लग सकता है बैन?
रिपोर्ट में नोमुरा का कहना है कि दिल्ली, जो पहले ही 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा चुकी है, अब CNG वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकती है।
राजधानी की बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए, सरकार अब स्वच्छ ईंधन विकल्पों की ओर और तेजी से कदम बढ़ा सकती है। हालांकि इससे CNG की ग्रोथ पर दबाव पड़ सकता है, लेकिन EV और CNG दोनों का सह-अस्तित्व संभव माना जा रहा है।
मुंबई में EV का असर पेट्रोल-डीजल पर पड़ेगा, CNG सुरक्षित
मुंबई के लिए नोमुरा की रिपोर्ट थोड़ा राहत देने वाली है। रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई में EV नीति का फोकस CNG के बजाय पेट्रोल और डीजल जैसे पारंपरिक ईंधनों को कम करने पर होगा।
मुंबई की बेहतर AQI (वायु गुणवत्ता) और तटीय लोकेशन के कारण CNG को वहाँ नीतिगत समर्थन मिलने की संभावना है।
MGL को भी है उम्मीद
रिपोर्ट में महानगर गैस लिमिटेड (MGL) की भी चर्चा की गई है, जो महाराष्ट्र में CNG की सबसे बड़ी सप्लायर है। MGL का मानना है कि राज्य की नई EV नीति केवल इलेक्ट्रिक वाहनों पर केंद्रित नहीं होगी, बल्कि एक मल्टी-फ्यूल ट्रांजिशन मॉडल को बढ़ावा दे सकती है – जिससे CNG को भी फायदा मिल सकता है।
