शशि थरूर और कांग्रेस के बीच मतभेद तेज, बोले – पार्टी के साथ कुछ मुद्दों पर राय अलग है

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने साफ शब्दों में स्वीकार किया है कि कई मुद्दों पर उनके विचार पार्टी से मेल नहीं खाते। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह इन मुद्दों पर पार्टी के अंदर ही संवाद करेंगे। थरूर और कांग्रेस के बीच बढ़ती दूरियों की चर्चा पहले से ही चल रही थी, जिसे अब खुद थरूर की बयानबाजी ने और हवा दे दी है।
सरकार के प्रतिनिधिमंडल में थरूर की भूमिका पर उठे सवाल
हाल ही में जब भारत सरकार ने अमेरिकी दौरे के लिए शशि थरूर को प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सौंपा, तब कांग्रेस के कुछ नेताओं ने नाराजगी जताई थी। इन नेताओं का कहना था कि थरूर का नाम पार्टी की तरफ से नहीं भेजा गया था, फिर भी वे सरकार के पक्ष में विदेश गए। इससे पहले भी भारत-पाक संघर्ष और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मामलों पर थरूर के रुख को लेकर पार्टी में असहजता देखी गई थी। 2016 और 2019 की सर्जिकल स्ट्राइक का जब थरूर ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर ज़िक्र किया, तो कांग्रेस नेता उदित राज ने उन्हें “सुपर बीजेपी प्रवक्ता” तक कह डाला।
थरूर का बयान: ‘जब देश को ज़रूरत हो, मैं साथ हूं’
पत्रकारों से बातचीत करते हुए थरूर ने कहा, “मैं पिछले 16 वर्षों से कांग्रेस का हिस्सा हूं। हां, कुछ मुद्दों पर मेरे मत अलग हैं, लेकिन मैं पार्टी के भीतर ही इस पर चर्चा करूंगा। अभी सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहना चाहता। जब देश को मेरी सेवा की ज़रूरत होती है, मैं हमेशा तैयार रहता हूं।”
पीएम मोदी की तारीफों से और बढ़ी चर्चा
थरूर समय-समय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली की सराहना करते रहे हैं। चाहे वो विझिनजम पोर्ट के उद्घाटन के दौरान उनका गर्मजोशी से स्वागत हो या फिर विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की नियुक्तियों पर खुशी जताना – थरूर की ये बयानबाजियाँ कांग्रेस में असहजता पैदा करती रही हैं। मई 2024 में पीएम मोदी ने जब केरल में कार्यक्रम के दौरान शशि थरूर और सीएम पी विजयन की ओर इशारा करते हुए कहा था, “आज का यह कार्यक्रम कई लोगों की नींद हराम कर देगा,” तब इसे एक राजनीतिक संकेत माना गया।
