Facebook Twitter Instagram youtube youtube

मोसाद ने ईरान में ही बना रखी थी ड्रोन फैक्ट्री, 3 स्टेप में यूं हमला कर मचाई तबाही

 मोसाद ने ईरान में ही बना रखी थी ड्रोन फैक्ट्री, 3 स्टेप में यूं हमला कर मचाई तबाही
Spread the love

तेहरान। इजरायल ने शुक्रवार सुबह ऑपरेशन राइजिंग लायन लॉन्च करते हुए ईरान पर हमले किए हैं। इस ऑपरेशन में ईरान के परमाणु ठिकानों और ईरानी सैन्य अफसरों को निशाना बनाया गया। इजरायल की ओर से इस ऑपरेशन के लिए अपनी एयरफोर्स की पीठ थपथपाई जा रही है।

हालांकि इस पूरे ऑपरेशन में मोसाद ने बेहद खास भूमिका निभाई है। मोसाद ने ही अपनी एयरफोर्स का रास्ता बनाने के लिए ईरानी मिसाइल क्षमताओं को कमजोर किया और हवाई रक्षा प्रणालियों को बेअसर करने का काम किया। इसके लिए मोसाद ने तीन चरणों में ऑपरेशन किया।

इजरायल के मोसाद ने ईरान के अंदर ही विस्फोटक ड्रोन बेस स्थापित किए और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों को निशाना बनाया। मोसाद ने गुरुवार रात को इन ड्रोन को एक्टिव किया और ईरान के सैन्य ठिकानों में तबाही मचा दी।

इजरायल ने यह ऑपरेशन कई वर्षों की खुफिया जानकारी, योजना और तकनीक के आधार पर किया। इसमें इजरायल को सफलता मिली और उसने ईरान को भारी नुकसान किया।

मोसाद ने कैसे चलाया ऑपरेशन

रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के सैन्य और खुफिया एजेंसियों ने मिलकर ईरान के खिलाफ निर्णायक हमला करने के लिए विस्तृत खुफिया जानकारी इकट्ठा की।

इस तैयारी में ईरान के सुरक्षा प्रतिष्ठान और परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख व्यक्तियों पर केंद्रित वर्षों की मेहनत और निगरानी शामिल थी। इनमें से कई को ऑपरेशन में निशाना बनाया गया और उनके घरों पर ही उनको मार दिया गया।

मोसाद के एजेंटों ने ये ऑपरेशन तीन चरणों में किया। पहले चरण में मोसाद कमांडो टीमों ने ईरान के सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल साइटों के पास खुले क्षेत्रों में ड्रोन प्रणालियों को तैनात किया।

ये तब काम आए, जब इजरायल का व्यापक अभियान शुरू हुआ। इन प्रणालियों को इजरायली वायु सेना के हमलों के साथ तालमेल में सक्रिय किया गया। उन्होंने असाधारण सटीकता के साथ अपने लक्ष्यों को भेदने वाली मिसाइलें लॉन्च कीं।

ऑपरेशन का तीसरा चरण

ऑपरेशन के दूसरे चरण में ईरान की हवाई सुरक्षा को बेअसर किया गया। मोसाद ने मोबाइल प्लेटफॉर्म पर लगे उन्नत हमलावर सिस्टम तैनात किए। इन इकाइयों ने सफलतापूर्वक ईरानी रक्षा प्रतिष्ठानों को खत्म कर दिया, जिससे इजरायली विमानों के लिए रास्ता खुल गया।

इसके बाद तीसरे चरण में मोसाद ने ईरान के भीतर विस्फोटक ड्रोन सुविधाओं में घुसपैठ करने के लिए पहले से स्थापित नेटवर्क का लाभ उठाया। इजरायल ने जब ऑपरेशन शुरू किया तो एस्फहाजाबाद बेस के पास सतह से सतह पर मार करने वाले मिसाइल लांचर को निशाना बनाया।

इस साइट को इजराइल के लिए एक बड़ा खतरा माना गया था। इससे इजरायली लड़ाकू विमानों का रास्ता साफ हो गया और उन्होंने टारगेट को निशाना बनाया और ईरान को नुकसान किया।

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *