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हमले से लाल हुआ ईरान, बोला-‘खून का बदला खून’; इजरायल-अमेरिका को मिलेगा “एक जोरदार तमाचा”

 हमले से लाल हुआ ईरान, बोला-‘खून का बदला खून’; इजरायल-अमेरिका को मिलेगा “एक जोरदार तमाचा”
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तेहरान। मिडिल ईस्ट  में तनाव बढ़ता ही जा रहा है। इज़राइल ने ईरान के खिलाफ एक बड़े सैन्य अभियान की शुरुआत की है, जिसे “ऑपरेशन राइजिंग लायन” नाम दिया गया है। इस अभियान ने क्षेत्र में नई जंग की आशंका जगा दी है।

इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मीडिया को बताया कि उन्होंने इस्लामिक शासन के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम पर सर्जिकल स्ट्राइक की है। उन्होंने कहा कि इस हमले का मकसद ईरान के परमाणु हथियार बनाने के सपनों को रोकना है।

इस ऑपरेशन के तहत, इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है। खासतौर पर, नतांज साइट, जहां यूरेनियम इनरिचमेंट का काम हो रहा था, को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया है।

इस साइट पर ईरान यूरेनियम को उच्च स्तर पर संचित कर रहा था, जिसकी मदद से परमाणु बम बनाना संभव है।तेहरान में एयरस्पेस को बंद कर दिया गया है, और पूरे देश में इमरजेंसी स्थिति लागू कर दी गई है।

ईरान सरकार का कहना है कि इस हमले से उन्हें बड़ा नुकसान पहुंचा है। ईरान की सरकारी टेलीविजन ने यह दावा किया है कि इस हमले में ईरान के सशस्त्र बलों के महत्वपूर्ण नेता, विशेष रूप से रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख, घायल या मारे गए हैं।

ईरान का आरोप है कि यह हमला अमेरिका के समर्थन से किया गया है। ईरान के फौजी प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल अबोलफजल शेखरची ने कहा कि, “इजराइल और अमेरिका को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।अमेरिका ने इस स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उसने इस हमले में भाग नहीं लिया है।

अमेरिकी विदेश सचिव ने स्पष्ट किया कि अमेरिका की प्राथमिकता क्षेत्र में अपने सैनिकों की सुरक्षा है। साथ ही, उन्होंने कहा कि इजराइल ने इस कार्रवाई को अपनी आत्मरक्षा में आवश्यक बताया है।

इजराइल का दावा  है कि ईरान दशकों से अपने परमाणु कार्यक्रम को तेज कर रहा है, और यूरेनियम के उच्च संलयन का उत्पादन कर रहा है, जो परमाणु हथियार बनाने के लिए जरूरी है।

नेतन्याहू ने कहा, “ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम के साथ-साथ अपने क्षेत्रीय ताकत का प्रदर्शन किया है, और हम नहीं चाहते कि ईरान परमाणु बम बना ले।”

उनका दावा है कि ईरान ने नौ परमाणु बम बनाने के लिए आवश्यक उच्च संलयन यूरेनियम का उत्पादन किया है और यह सब तब हो रहा है जब ईरान अपने लंबे समय से चल रहे परमाणु हथियार निर्माण के प्रयासों को तेज कर रहा है।  ईरान का कहना है कि उनका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण है, और वे अपने राष्ट्रीय अधिकारों का पालन कर रहे हैं।

खामेनेई जैसे शीर्ष नेता कह चुके हैं कि अमेरिका या इज़राइल को यह नहीं बताएगा कि उन्हें अपने परमाणु कार्यक्रम को बढ़ावा देना चाहिए या नहीं। हालांकि, ईरान और इज़राइल के बीच तनाव लंबे समय से चल रहा है।

7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले ने इस तनाव को और भड़का दिया। इसके बाद, 1 अक्टूबर 2024 को ईरान ने भी मिसाइल से इजरायल पर हमला किया, जिससे क्षेत्र में युद्ध का खतरा और बढ़ गया है।

इजराइल का मानना है कि ईरान के परमाणु व सैन्य ठिकानों को नष्ट करना क्षेत्रीय स्थिरता और अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी है। नेतन्याहू ने कहा, “हमने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि हम अपने देश को किसी भी खतरे से बचा सकें।”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजराइल ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया है। तेल अवीव का बेन गुरियन एयरपोर्ट को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। वायु सेना और मिसाइल रक्षा प्रणाली हाई अलर्ट पर हैं, ताकि किसी भी संभावित ईरानी हमले का जवाब दिया जा सके।

यह सैन्य कार्रवाई क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति को लेकर चिंतित है, क्योंकि यदि संघर्ष बढ़ता है, तो यह बड़े युद्ध का रूप ले सकता है।

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