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बहुत गरीब हो चुका है पाकिस्तान, वर्ल्ड बैंक ने दिखाई कंगाली की भयानक तस्वीर; फौज हो रही अमीर

 बहुत गरीब हो चुका है पाकिस्तान, वर्ल्ड बैंक ने दिखाई कंगाली की भयानक तस्वीर; फौज हो रही अमीर
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इस्लामाबाद। वर्ल्ड बैंक के नए आंकड़े भारत और पाकिस्तान की अलग-अलग हालात बयां कर रहे हैं। भारत में जहां गरीबी तेजी से कम हुई है, वहीं पाकिस्तान में यह भयानक रूप से बढ़ी है। 2012 से 2022 के बीच भारत में अत्यधिक गरीबी (extreme poverty) 27.1% से घटकर 5.3% रह गई।

इस दौरान 26.9 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकल आए। इसके उलट, पाकिस्तान में 2017 से 2021 के बीच अत्यधिक गरीबी 4.9% से बढ़कर 16.5% पहुंच गई। भारतीय अर्थव्यवस्था जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है।

दूसरी तरफ पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बार-बार बेलआउट पैकेज लेना पड़ रहा है। वर्ल्ड बैंक के आंकड़े बताते हैं कि एक आम पाकिस्तानी आज कितना कंगाल हो चुका है।

पाकिस्तानी आबादी से अधिक भारत में गरीबी से निकले

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट ने गरीबी मापने के लिए एक नया पैमाना तय किया है। अब प्रतिदिन 3 डॉलर प्रति व्यक्ति से कम आय वाले लोगों को ‘अत्यधिक गरीब’ माना जाएगा। इस नए पैमाने के बावजूद, भारत में गरीबी कम हुई है। 2012 से 2022 के बीच भारत में अत्यधिक गरीबी 27.1% से घटकर 5.3% हो गई।

2022-23 में भारत में 7.52 करोड़ लोग अत्यधिक गरीबी में जी रहे थे। जबकि 2011-12 में यह आंकड़ा 34.44 करोड़ था। इसका मतलब है कि 11 सालों में 26.9 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले। यह पाकिस्तान की पूरी आबादी से भी ज्यादा है।

पाकिस्तान की लगभग आधी आबादी गरीब- रिपोर्ट

पाकिस्तान में स्थिति बिल्कुल उलट है। 2017 से 2021 के बीच अत्यधिक गरीबी 4.9% से बढ़कर 16.5% हो गई। जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान के पुराने आंकड़ों को लें तो स्थिति और भी खराब हो सकती है।

पाकिस्तान में प्रतिदिन 4.2 डॉलर प्रति व्यक्ति से कम आय वाले लोगों की संख्या 2017 में 39.8% थी, जो 2021 में बढ़कर 44.7% से ज्यादा हो गई।

कर्ज के पैसों के भरोसे चल रही है पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से कर्ज के पैसों पर टिकी है। उसने IMF से 25 बेलआउट पैकेज लिए हैं, जिनकी कुल राशि 44.57 अरब डॉलर है। इसके अलावा, वर्ल्ड बैंक (World Bank), एशियाई विकास बैंक (ADB) और इस्लामिक विकास बैंक से 38.8 अरब डॉलर का कर्ज है।

चीन से 25 अरब डॉलर से ज्यादा और यूरोबॉन्ड और सुकुक जैसे कर्जदाताओं से 7.8 अरब डॉलर का कर्ज लिया है। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और पेरिस क्लब ने भी पाकिस्तान को कई अरब डॉलर का कर्ज दिया है।

‘बेलआउट से केवल पाकिस्तानी सेना ही हो रही अमीर’

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने उससे कहा, ‘दुनिया पाकिस्तान की समस्या को तब तक नहीं सुलझा सकती, जब तक पाकिस्तानी सेना का राजनीति और अर्थव्यवस्था में दखल खत्म नहीं हो जाता। पाकिस्तान की सेना संसाधनों का बंटवारा करती है।

इसलिए, द्विपक्षीय या बहुपक्षीय दानदाताओं से मिलने वाला सारा पैसा सेना इस्तेमाल कर लेती है और इसका इस्तेमाल आतंकी मशीनरी बनाने में होता है। सभी दानदाताओं को इस डेटा से सबक लेना चाहिए, जो दिखाता है कि केवल पाकिस्तानी सेना ही बेलआउट से अमीर हो रही है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘दुनिया को पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता राशि की निगरानी के लिए एफएटीएफ (FATF) जैसी कड़ी शर्तें लगानी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि धन का उपयोग विकास और पाकिस्तान के लोगों के लाभ के लिए किया जाए।’

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