फरीदाबाद जेल में बड़ी चूक: रेप का दोषी कैदी गलती से रिहा

फरीदाबाद (हरियाणा): हरियाणा की नीमका जेल से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने जेल प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। दो अलग-अलग मामलों में बंद कैदियों के नाम और पिता के नाम एक जैसे होने के कारण, जेल से गलत कैदी को रिहा कर दिया गया।
क्या है पूरा मामला?
27 साल का नितेश पांडे, रेप जैसे गंभीर अपराध में अक्टूबर 2021 से जेल में बंद था।
वहीं, 24 साल का दूसरा नितेश (जिसका कोई उपनाम नहीं है), घर में घुसने और मारपीट के आरोप में हाल ही में जेल भेजा गया था।
सोमवार को कोर्ट ने दूसरे नितेश को जमानत दी थी, लेकिन मंगलवार को जेल प्रशासन ने गलती से रेप के दोषी नितेश पांडे को रिहा कर दिया।
नाम एक, पहचान अलग — फिर भी गलती?
दोनों के नाम ‘नितेश’ और पिता का नाम ‘रविंदर’ होने के कारण यह गड़बड़ी हुई।
लेकिन, हैरानी की बात यह है कि एक का उपनाम (सरनेम) ‘पांडे’ था और दूसरे का नहीं।
फिर भी जेल प्रशासन ने बिना पर्याप्त जांच के गलत व्यक्ति को रिहा कर दिया।
जेल प्रशासन का पक्ष
जेल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट विक्रम सिंह ने कहा, “हमने सदर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है कि नितेश पांडे ने पहचान छिपाकर गलत तरीके से रिहाई पाई है।”
पुलिस की कार्रवाई
SHO उमेश कुमार ने कहा कि, “नितेश पांडे की तलाश शुरू हो चुकी है, और उसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।”
इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि जेल प्रशासन में पहचान जांच की प्रक्रिया कितनी कमजोर हो सकती है। अब सवाल उठता है — क्या यह केवल एक मानवीय भूल थी या सिस्टम की लापरवाही? फिलहाल पुलिस की नजर उस नितेश पांडे पर है जो कानून की आंखों में धूल झोंक कर बाहर निकल गया।
