DPS द्वारका फीस विवाद: पैरेंट्स बढ़ी फीस का 50% चुकाएं

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने DPS द्वारका और 100 से अधिक अभिभावकों के बीच जारी फीस बढ़ोतरी विवाद पर एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश जारी किया है। कोर्ट ने स्कूल को सभी निकाले गए छात्रों को वापस लेने का निर्देश दिया है, वहीं बच्चों के अभिभावकों को बढ़ी हुई फीस का 50 प्रतिशत हिस्सा स्कूल में जमा कराने को कहा है।
क्या है मामला?
यह आदेश 102 अभिभावकों द्वारा दायर याचिका पर पारित किया गया, जिसमें स्कूल पर अस्वीकृत और मनमानी फीस वसूली, बाउंसरों का उपयोग और अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया गया था। याचिकाकर्ताओं ने यह भी मांग की थी कि दिल्ली सरकार या उपराज्यपाल (LG) इस स्कूल का अधिग्रहण करें।
हाईकोर्ट का फैसला
जस्टिस विकास महाजन द्वारा 16 मई को पारित अंतरिम आदेश में कहा गया, “बढ़ी हुई फीस का 50% हिस्सा पैरेंट्स को देना होगा, जबकि आधारभूत फीस पूरी जमा करनी होगी।”
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक शिक्षा निदेशालय DPS द्वारका की फाइनेंशियल समीक्षा नहीं करता और कोई अंतिम निर्णय नहीं लेता, तब तक फीस बढ़ोतरी पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता।
बच्चों को स्कूल में वापसी की अनुमति
कोर्ट ने यह भी कहा कि, “याचिका लंबित रहने तक याचिकाकर्ताओं के बच्चों को कक्षा में पढ़ाई जारी रखने दी जाए, बशर्ते कि अभिभावक बढ़ी हुई फीस का 50% जमा करें।”
सरकार और एलजी को नोटिस
कोर्ट ने इस मामले पर DPS स्कूल, दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल (LG) को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त 2025 को होगी।
फीस वृद्धि पर पैरेंट्स की आपत्ति
याचिकाकर्ता अभिभावकों के अनुसार:
पहले ₹7,000 मासिक फीस में बढ़ोतरी हुई थी।
अब यह बढ़कर ₹9,000 प्रति माह कर दी गई है।
स्कूल द्वारा यह बढ़ोतरी बिना निदेशालय की अनुमति के लागू की गई।
