बांग्लादेश में गहरे राजनीतिक संकट का दौर !

बांग्लादेश में इन दिनों गंभीर राजनीतिक अस्थिरता देखी जा रही है। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने ढाका में एक बैठक के दौरान स्पष्ट किया कि वर्तमान राजनीतिक हालात में उनका कार्य करना संभव नहीं है और वह अपने पद से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं। यह केवल उनका व्यक्तिगत निर्णय नहीं, बल्कि पूरे राजनीतिक तंत्र की असफलता का संकेत है, जहां दलों के बीच सहमति बनाना भी मुश्किल हो गया है।
यूनुस ने यह भी कहा कि वे खुद को बंधक महसूस कर रहे हैं, जो देश की अस्थिरता को दर्शाता है। वहीं, एक बड़ा खुलासा यह भी हुआ कि सरकार ने अमेरिका के साथ मिलकर बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर एक मानवीय गलियारा बनाने की योजना बनाई थी, जिसे गुप्त रूप से अंजाम दिया गया। इस डील को लेकर सेना प्रमुख नाराज हुए और दिसंबर तक चुनाव कराने का अल्टीमेटम दिया।
विरोधी दल, छात्र संगठन और जनता भी सड़कों पर उतर आई है। महफूज आसिफ और खलीलुर्रहमान जैसे नेताओं की सरकार से बाहर निकाले जाने की मांग तेज हो गई है, जिससे वर्तमान सरकार की असंतुष्ट जनता का गुस्सा साफ नजर आ रहा है। यह संकट तब आया है जब पिछले साल शेख हसीना के भारत भाग जाने और तख्तापलट के बाद, यूनुस की अगुवाई में यह सरकार बनाई गई थी। अब स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि देश की स्थिरता खतरे में नजर आ रही है।
