7 साल के बच्चे ने छोड़े सुसाइड नोट में छोड़े आहात करने वाले शब्द

पश्चिम बंगाल : मां मैंने चोरी नहीं की ये आखरी शब्द थे 7 साल के उस बच्चे के जिसने माँ द्वारा डांटे जाने पर अपने जान लेली। बच्चों को संभालना आसान नहीं होता। अगर माता-पिता बच्चों को नहीं डांटते, तो वे अपनी मर्जी से काम करते हैं। और अगर डांटते हैं, तो बच्चे उसे दिल पर ले लेते हैं। बच्चों का मन बहुत नाजुक होता है और छोटी-छोटी बातों का भी उन पर गहरा असर पड़ता है। अगर उन्हें सबके सामने डांटा जाए, तो वे इसे अपनी बेइज्जती समझते हैं और दुखी होकर गलत कदम भी उठा सकते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है पश्चिम बंगाल के पंसकुरा से, जहाँ सातवीं कक्षा के एक बच्चे ने अपनी जान ले ली। वजह थी उसकी माँ द्वारा सबके सामने डांटना। बच्चे ने सुसाइड नोट में लिखा, “मां मैंने चोरी नहीं की।” दरअसल, 13 वर्षीय कृष्णेंदु दास पर एक मिठाई की दुकान से चिप्स चुराने का आरोप लगा था। दुकानदार ने उसे मारा और सबके सामने माफी मंगवाई। इसके बाद, बच्चे की माँ भी उसे दुकान पर ले गईं और फिर से डांटा। इस घटना से आहत होकर कृष्णेंदु ने आत्महत्या कर ली। उसकी माँ और परिवार अब पछता रहे हैं। यह घटना दिखाती है कि बच्चों के साथ व्यवहार करते समय कितनी सावधानी बरतनी चाहिए और सार्वजनिक रूप से डांटने का उन पर गहरा असर हो सकता है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को प्यार से समझाएं और अगर डांटना भी पड़े तो अकेले में डांटें, ताकि वे अपमानित महसूस न करें।
इसी तरह, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक महिला की लाश सूटकेस में मिलने से सनसनी फैल गई थी, जिसकी गुत्थी अभी सुलझी नहीं है। पुलिस हत्या और आत्महत्या दोनों पहलुओं से जांच कर रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है। महिला का शव लाल रंग के सूटकेस में मिला था, जिसे उसके पति ने छिपाया था। पति का कहना है कि पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी और डर के कारण उसने शव को सूटकेस में डाल दिया था। पुलिस पति को हिरासत में लेकर जांच कर रही है। जहाँ शाहजहांपुर का मामला एक संभावित अपराध की ओर इशारा करता है, वहीं पंसकुरा की घटना बताती है कि गुस्से या जल्दबाजी में उठाए गए कदम कितने दुखद परिणाम दे सकते हैं।
