“ऑपरेशन सिंदूर” पर राहुल गांधी की टिप्पणी बनी विवाद की आग, पाकिस्तान में बज रहे हैं ताली और भारत में उठ रहे हैं सवाल

नई दिल्ली / भोपाल / लाहौर: राहुल गांधी ने फिर छेड़ी विवादों की घंटी! इस बार निशाने पर हैं भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और देश की सेना का आत्मविश्वास है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर उनकी टिप्पणियां जहां भारत में आलोचना का तूफान खड़ा कर रही हैं, वहीं पाकिस्तानी मीडिया में उन्हें हीरो की तरह पेश किया जा रहा है।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर पूछा, “पाकिस्तान को हमारी कार्रवाई की सूचना क्यों दी गई? कितने विमान हमने खोए? यह चूक नहीं, अपराध था!”
इसके बाद भारत का विदेश मंत्रालय और सेना के अधिकारी सामने आए और साफ किया कि पाकिस्तान को हमला होने के बाद बताया गया था, ताकि उन्हें लगे कि भारत ने किसी नागरिक क्षेत्र को नहीं निशाना बनाया। ये अंतरराष्ट्रीय नियम है।
सेना बोली – अगर पाकिस्तान को पहले से खबर होती, तो आतंकी ठिकानों में सौ से ज़्यादा आतंकी क्यों मारे जाते? लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर डी’कुन्हा ने सवाल किया, “अगर पाकिस्तान को पहले से खबर होती, तो जैश और लश्कर के आतंकी बालाकोट में आराम से बैठे रहते क्या?” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को मारने के बाद ही पाकिस्तान को सूचना दी थी। भारत ने भी वही किया।
अब एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। पाकिस्तान ने हरियाणा, यूपी और पंजाब में गुप्त जासूसों का जाल बिछा रखा था। गिरफ्तार किए गए कुछ मुखबिर
नूंह से मोहम्मद तारीफ और अरमान, पानीपत से नोमान इलाही, हिसार से व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा, गुरदासपुर से सुखबीर और करणबीर, रामपुर से शहजाद। इन्हें भारतीय वायुसेना और सेना की जानकारी देने के लिए पैसे दिए जा रहे थे। पाकिस्तानी उच्चायोग खुद इस नेटवर्क का संचालन कर रहा था!
पाकिस्तान की एक और गंदी साजिश, स्वर्ण मंदिर पर मिसाइलें दागीं, फिर भारत पर लगाया झूठा आरोप! 8 मई को पाकिस्तान ने एक शैतानी चाल चली।
उन्होंने अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर पर ड्रोन और मिसाइलें भेजीं, ताकि दुनिया को लगे कि भारत ने सिखों पर हमला किया है। लेकिन भारत की वायु रक्षा प्रणाली चौकस थी। सभी मिसाइलें हवा में ही गिरा दी गईं। स्वर्ण मंदिर के ग्रंथी ने मंदिर की लाइटें बंद कर दीं और मंदिर की रक्षा के लिए सेना की मदद ली गई।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने रात 2:30 बजे झूठ बोला, “भारत ने स्वर्ण मंदिर पर हमला किया है।” पर हकीकत सबके सामने थी। कोई भी सिख समुदाय इस झूठ में नहीं फंसा। जनरल असीम मुनीर की भारत में दंगे भड़काने की कोशिश नाकाम रही। पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर ने भारत में हिंदू-मुस्लिम और हिंदू-सिख के बीच नफरत फैलाने की कोशिश की, पहले, पहलगाम में 26 हिंदू पर्यटकों की हत्या, फिर, स्वर्ण मंदिर पर हमला, और फिर, खालिस्तानी अलगाववादी पन्नू के ज़रिए वीडियो जारी करवाए, जिसमें आतंकी परिवारों को पैसे देने और खालिस्तान के लिए पाक सेना से जुड़ने की बात कही गई लेकिन भारत की जनता और सिख समुदाय इस प्रोपेगेंडा में नहीं फंसे।
वहीँ राहुल गांधी की बयानबाज़ी से पाकिस्तान को ताकत मिली। रिटायर्ड एयर कमोडोर अश्मिंदर बहल ने कहा, “राहुल गांधी देश की रणनीति को कमजोर कर रहे हैं। 2016 और 2019 में भी उन्होंने यही किया था, और पार्टी को हार मिली।” देश की जनता सब देख रही है, “एक तरफ मोदी सरकार दुनिया के सामने भारत का पराक्रम दिखा रही है, वहीं राहुल गांधी के बयान पाकिस्तान के अखबारों में छप रहे हैं।”
जहां पाकिस्तान झूठ, धोखा और अफवाहों से भारत को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है, वहीं भारत की सेना और सरकार हर मोर्चे पर डटी हुई है। क्या ऐसे वक्त में राहुल गांधी जैसे नेता का बयान देश के लिए ताकत बनता है या कमजोरी?
