केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम, सुप्रीम कोर्ट में 21 मई को सुनवाई

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम, 2025 को अधिसूचित कर दिया है। इस अधिनियम को 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी प्राप्त हुई थी। संसद के दोनों सदनों में यह विधेयक बहुमत से पारित हुआ. लोकसभा में 288 सांसदों ने समर्थन किया जबकि 232 ने विरोध किया; वहीं राज्यसभा में 128 समर्थन में और 95 विरोध में थे।
इस अधिनियम की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। शीर्ष अदालत अब 21 मई को इस पर सुनवाई करेगी।
केरल सरकार का विरोध: केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप करते हुए तर्क दिया है कि यह संशोधन मुस्लिम समुदाय के मौलिक अधिकारों और वक्फ संपत्तियों की धार्मिक व सामाजिक प्रकृति को प्रभावित करता है।
केंद्र सरकार का पक्ष: केंद्र ने स्पष्ट किया है कि इस अधिनियम के तहत किसी भी वक्फ संपत्ति को गैर-अधिसूचित नहीं किया जाएगा, और न ही नई नियुक्तियाँ की जाएँगी। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि मौजूदा वक्फ संरचना और समुदाय के अधिकारों का सम्मान किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट का रुख: सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह 1995 के पुराने वक्फ कानून को रद्द करने या उस पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर विचार नहीं करेगा।
