तुर्की बॉयकॉट पर कांग्रेस की चुप्पी पर अमित मालवीय ने उठाए सवाल

तुर्की और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान को खुले तौर पर समर्थन दिए जाने के बाद भारत में इन देशों के खिलाफ नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर “बायकॉट तुर्की” अभियान ने जोर पकड़ा है और जनता बड़ी संख्या में इन देशों के साथ व्यापारिक और पर्यटन संबंधों को समाप्त करने की मांग कर रही है। इस मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है।
बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस के रुख को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कांग्रेस की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो साझा किया है जिसमें वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा से तुर्की के बहिष्कार से जुड़े सवाल पूछे गए, लेकिन दोनों नेताओं ने इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से साफ इनकार कर दिया।
इस वीडियो को ट्विटर पर साझा करते हुए अमित मालवीय ने लिखा,
“तुर्की और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान के आतंकी राज्य को दिए जा रहे समर्थन से देश गुस्से में है। इन देशों के साथ व्यापार और पर्यटन का बहिष्कार करने की मांग बढ़ रही है और जनता एकजुटता के साथ खड़ी है। लेकिन कांग्रेस पार्टी खुद को भारतीय लोगों की व्यापक भावना के साथ भी नहीं जोड़ पा रही है। कोई आश्चर्य नहीं कि यह जनता से इतनी कटी हुई है। यह अपनी राजनीतिक गुमनामी और पूर्ण अलगाव की हकदार है।”
बीजेपी का कहना है कि जब पूरा देश राष्ट्रीय भावना के साथ एकजुट हो रहा है, तब मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का इस तरह से चुप रहना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि यह उसके देशहित से दूर होने का संकेत भी देता है।
कांग्रेस ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, जिससे इस राजनीतिक बहस को और हवा मिल रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि तुर्की और अजरबैजान के पाकिस्तान समर्थक रुख को लेकर भारत में आक्रोश स्वाभाविक है, और ऐसे में राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी बनती है कि वे देश की भावना के साथ खड़े नजर आएं। कांग्रेस की चुप्पी ने उसके ऊपर विपक्ष और आम लोगों के बीच सवाल खड़े कर दिए हैं।
