भारत सरकार रक्षा बजट में 50,000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी का प्रस्ताव, संसद में हो सकता है मंजूरी !

नई दिल्ली — केंद्र सरकार ने रक्षा क्षेत्र में नई प्रगति के तहत अपने फंड में 50,000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय ने संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया है, जहां इसकी मंजूरी मिल सकती है।
प्रस्तावित फंड का उपयोग नई हथियार प्रणालियों, गोला-बारूद और अत्याधुनिक तकनीकों की खरीद के साथ-साथ सेना की अन्य आवश्यकताओं, अनुसंधान और विकास पर किया जाएगा। इससे देश की सैन्य ताकत और भी मजबूत होगी।
इस बढ़ोतरी के साथ, रक्षा बजट कुल मिलाकर 7 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो जाएगा, जो भारत के सुरक्षा महाकुंभ में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। पिछले साल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के बजट में 6.81 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया था, जो इस साल करीब 9.2% की वृद्धि दर्शाता है।
पिछले दशक में, रक्षा बजट में भारी बढ़ोतरी हुई है। 2014-15 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने केवल 2.29 लाख करोड़ रुपए रक्षा पर खर्च किए थे। तब से, यह बजट लगभग तीन गुना बढ़ चुका है, जिससे भारत की सैन्य क्षमताओं में सुधार हो रहा है। वर्तमान में, भारत का रक्षा खर्च GDP का लगभग 1.9 प्रतिशत है।
वायुसेना को लेकर भी चिंता जताई जा रही है। वायुसेना को 42 स्क्वॉड्रन की जरूरत है, लेकिन उसके पास वर्तमान में केवल 31 हैं। इनमें से केवल 29 सक्रिय हैं। इस साल, मिग-29 बाइसन विमानों की दो स्क्वॉड्रन रिटायर हो जाएंगी, जिससे विमानों की संख्या और कम हो सकती है।
सरकार के इस कदम से देश की सुरक्षा मजबूत होगी और सैन्य आधुनिकीकरण को नई ऊर्जा मिलेगी। देश की रक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
