जब SHO की विदाई पर उमड़ा पूरा इलाका: एक पुलिस अफसर, जिसने दिलों में बना ली जगह

नई दिल्ली: दिल्ली के सब्जी मंडी थाने के SHO इंस्पेक्टर राम मनोहर मिश्रा की विदाई ने वो नज़ारा पेश किया, जिसे देखकर हर कोई भावुक हो गया। न फूलों की कमी थी, न लोगों की। विदाई का ये दृश्य किसी सेलिब्रिटी शो से कम नहीं था—लेकिन ये भीड़ किसी अभिनेता या राजनेता के लिए नहीं, बल्कि एक पुलिस अफसर के लिए उमड़ी थी।
SHO की विदाई पर क्यों उमड़ा जनसैलाब?
जैसे ही लोगों को SHO मिश्रा के ट्रांसफर की खबर मिली, इलाके के सैकड़ों लोग उन्हें विदा करने थाने के बाहर जमा हो गए। सड़क पर फूलों की बारिश शुरू हो गई और हर गली से लोग सिर्फ एक आवाज़ में बोल रहे थे—“मिश्रा जी को सलाम!”
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बुज़ुर्गों ने आशीर्वाद दिया
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महिलाएं भावुक हो गईं
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बच्चे उन्हें फूल और चॉकलेट दे रहे थे
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सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हो रहा है
क्या था मिश्रा का काम करने का तरीका?
इंस्पेक्टर मिश्रा ने अपने दो साल के कार्यकाल में थाना 24×7 आम जनता के लिए खुला रखा। कोई भी व्यक्ति किसी भी समय अपनी समस्या लेकर उनसे मिल सकता था।
उन्होंने न सिर्फ अपराध पर नियंत्रण किया, बल्कि लोगों में पुलिस के प्रति भरोसा और अपनापन भी पैदा किया।
“वर्दी रौब की नहीं, भरोसे की पहचान है” — SHO मिश्रा का यही जुमला लोगों के दिल में बस गया।
ऐसा SHO शायद ही दिल्ली ने देखा हो
दिल्ली पुलिस के इतिहास में शायद ही किसी SHO को इस तरह की विदाई मिली हो।
जनता और पुलिस के रिश्ते की एक मिसाल बनकर, इंस्पेक्टर मिश्रा अब किसी और इलाके में सेवाएं देंगे, लेकिन सब्जी मंडी के लोग उन्हें कभी नहीं भूल पाएंगे।
SHO राम मनोहर मिश्रा की विदाई ने एक बात साबित कर दी — अगर पुलिस जनता का भरोसा जीत ले, तो कानून की वर्दी भी मोहब्बत की निशानी बन सकती है। उनका यह कार्यकाल आने वाले अफसरों के लिए एक प्रेरणा बन गया है।