Facebook Twitter Instagram youtube youtube

पोलाची गैंगरेप केस: 19 साल की लड़की की हिम्मत ने दिलाया 8 महिलाओं को इंसाफ

 पोलाची गैंगरेप केस: 19 साल की लड़की की हिम्मत ने दिलाया 8 महिलाओं को इंसाफ
Spread the love

तमिलनाडु : यह खबर सामने आरही है तमिलनाडु के पोलाची से, जहां 6 साल बाद आखिरकार 8 बहादुर महिलाओं को इंसाफ मिला। उन महिलाओं के साथ सिर्फ दरिंदगी ही नहीं हुई, बल्कि उन्हें पैसों के लिए ब्लैकमेल भी किया गया। सीरियल गैंगरेप केस में कोयंबटूर की अदालत ने 9 दरिंदों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अब ये आरोपी मरते दम तक सलाखों के पीछे रहेंगे। साथ ही पीड़ितों को 85 लाख रुपये का मुआवजा भी मिलेगा।

लेकिन ये सब मुमकिन हुआ एक 19 साल की लड़की की हिम्मत और आवाज उठाने की वजह से। अगर उसने चुप्पी तोड़कर हिम्मत न दिखाई होती, तो शायद ये दरिंदे और न जाने कितनी लड़कियों की ज़िंदगी तबाह कर चुके होते।

साल 2019 में चुनाव का माहौल था। तभी एक खौफनाक राज सामने आया—एक ऐसा रैकेट जो लड़कियों को फंसाकर उनके साथ गैंगरेप करता और फिर अश्लील वीडियो के दम पर उन्हें ब्लैकमेल कर मोटी रकम ऐंठता।

19 साल की एक कॉलेज छात्रा ने 12 फरवरी को शिकायत की कि उसके साथ कुछ बेहद डरावना हुआ है। सब कुछ उसी के साहस से शुरू हुआ।

पोलाची की एक 19 साल की छात्रा से सबरीराजन नाम के युवक ने कहा कि उससे जरूरी बात करनी है। लड़की जब पोलाची बस स्टॉप पर पहुंची, तो सबरीराजन कार में पहले से मौजूद था, साथ में उसका दोस्त थिरुनावुक्कारासु भी। उन्होंने लड़की से कहा कि रास्ते में बात कर लेंगे, वो कार में बैठ जाए। लड़की उन पर भरोसा करके बैठ गई। लेकिन थोड़ी ही देर में कार में दो और लोग सतीश और वसंतकुमार भी चढ़ गए।

चारों ने मिलकर लड़की के साथ जबरदस्ती की, उसके कपड़े फाड़े, मारपीट की, उसका अश्लील वीडियो बनाया और गले से चेन तक छीन ली। धमकी दी कि अगर उसने पैसे नहीं दिए या बात किसी को बताई तो वीडियो वायरल कर देंगे। लड़की रोती रही, चीखती रही… और आखिरकार उन दरिंदों ने उसे बीच रास्ते में फेंक दिया।

लेकिन इस लड़की ने डरने की बजाए इंसाफ की लड़ाई लड़ी।उसने अपने परिवार के साथ मिलकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। फिर जो खुलासा हुआ, उसने सबको दहला दिया।

दरिंदों की असली पहचान सबरी राजन, थिरुनावुक्कारासु, सतीश, वसंतकुमार, मणिवन्नन, बाइक बाबू, अरुलानंथम, हारोनिमस पॉल और अरुण कुमार के रूप में हुई। ये वो नाम हैं जिन्होंने मासूम लड़कियों की ज़िंदगी को नर्क बना दिया।

सबरीराजन पहले लड़कियों को होटल या सुनसान जगह बुलाता था। फिर जबरदस्ती करता या धोखे से राजी करता। दूर बैठे उसके दोस्त वीडियो बना लेते थे। कुछ दोस्त तो “मददगार” बनकर लड़की को बचाने का नाटक भी करते थे।

जांच में पता चला कि 2016 से लेकर 2018 तक इन लोगों ने कई लड़कियों को निशाना बनाया और ब्लैकमेल करते रहे। जब सीबीआई ने जांच शुरू की, तो सबूतों की भरमार निकलकर सामने आई। मोबाइल, लैपटॉप से कई महिलाओं के अश्लील वीडियो मिले। पोर्न वीडियो, जबरन बनाए गए क्लिप्स… सब कुछ मौजूद था।

6 साल बाद कोर्ट ने सभी 9 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अब वे कभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। 85 लाख रुपये का मुआवजा पीड़ितों को मिलेगा। लेकिन असली जीत उस 19 साल की बहादुर लड़की की है, जिसने अपने साथ हुए ज़ुल्म के खिलाफ आवाज़ उठाई और कई और लड़कियों को शिकार बनने से बचा लिया।

यह कहानी चीख-चीख कर कहती है। चुप मत रहो। आवाज उठाओ, क्योंकि इंसाफ जरूर मिलता है।

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *