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बस्ती में पुलिस और रेप आरोपी के बीच मुठभेड़ में आरोपी घायल

 बस्ती में पुलिस और रेप आरोपी के बीच मुठभेड़ में आरोपी घायल
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बस्ती (उत्तर प्रदेश), ब्रेकिंग न्यूज़: जब पूरी बस्ती रात के अंधेरे में गहरी नींद में सो रही थी, तब कुछ जांबाज़ पुलिसवालों ने अपनी जान की परवाह किए बिना एक मासूम बच्ची के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ी। गोली की गूंज, दौड़ती जीपें और बंदूक की नोक पर घिरा एक दरिंदा — यह सिर्फ एक मुठभेड़ नहीं, बल्कि न्याय की एक निर्णायक जंग थी, जिसमें बस्ती पुलिस ने कानून की जीत दर्ज की।

दरिंदगी के बाद टूटा एक परिवार

बस्ती जिले में एक मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की दर्दनाक वारदात सामने आई थी। इस घटना की ख़बर मिलते ही बच्ची के पिता को गहरा सदमा पहुंचा और उनकी अचानक मौत हो गई। यह घटना पूरे इलाके को झकझोर गई।

पुलिस की तेज़ कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक (SP) अभिनंदन के नेतृत्व में एक विशेष अभियान शुरू किया गया। सिर्फ 24 घंटे के अंदर पुलिस ने आरोपी की तलाश कर उसे पकड़ने के लिए जाल बिछा दिया।

कैसे हुई मुठभेड़?

सोमवार देर रात, कोतवाली थाना क्षेत्र के मुड़घाट इलाके में SOG टीम प्रभारी चंद्रकांत पांडेय और कोतवाली प्रभारी विश्व मोहन राय की संयुक्त टीम को सूचना मिली कि आरोपी दीपक उसी क्षेत्र में छिपा हुआ है। पुलिस टीम जैसे ही मौके पर पहुंची, आरोपी ने भागने की कोशिश की और पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दीपक के बाएं पैर में गोली लगी, जिससे वह घायल हो गया।

मुठभेड़ में ये अधिकारी रहे शामिल

इस साहसी मुठभेड़ में SOG टीम के धर्मेन्द्र, शिवम यादव, कुमार, रमेश यादव, कांस्टेबल इरशान खान, अभय उपाध्याय और चंदन सक्रिय रूप से शामिल रहे। SP ने खुद किया निरीक्षण घटना की सूचना पाकर SP अभिनंदन स्वयं मौके पर पहुंचे और हालात का जायज़ा लिया। उनके साथ एएसपी ओपी सिंह और सीओ सत्येंद्र भूषण तिवारी भी मौजूद रहे।

SP अभिनंदन ने मीडियाकर्मियों से कहा, “बस्ती पुलिस की ये कार्रवाई यह साबित करती है कि मासूमों के साथ अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। हम ऐसे अपराधियों को सख्त से सख्त सज़ा दिलाकर ही दम लेंगे।”

अस्पताल में चल रहा है आरोपी का इलाज

घायल आरोपी दीपक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पुलिस की निगरानी में उसका इलाज चल रहा है। जैसे ही उसकी हालत स्थिर होगी, उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा और आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस पूरी घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि “जब अंधेरा सबसे गहरा होता है, तब उजाले की लौ सबसे तेज़ जलती है।” बस्ती पुलिस ने साहस, संवेदनशीलता और तेज़ी का परिचय देते हुए यह दिखा दिया कि कानून के हाथ लंबे ही नहीं, बल्कि बेहद चौकस और सख्त भी हैं।

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