युद्ध की आहट: देश के 244 जिलों में होगी मॉक ड्रिल, नागरिकों को मिलेगी हमले से बचने की ट्रेनिंग

पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच, केंद्र सरकार ने देश भर में एक बड़ी मॉक ड्रिल का आदेश जारी किया है। यह मॉक ड्रिल कल, यानी 7 मई को आयोजित की जाएगी, जिसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को संभावित हमलों से बचाव की ट्रेनिंग देना है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, यह मॉक ड्रिल 244 चिन्हित जिलों में होगी। इसका मकसद सिविल डिफेंस की तैयारियों को और मजबूत करना है। आपको बता दें कि देश में आखिरी बार ऐसी मॉक ड्रिल 1971 के युद्ध के दौरान हुई थी।ये मॉक ड्रिल विशेष रूप से 244 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स में होगी, जिन्हें दुश्मन के हमले के दृष्टिकोण से सामरिक और रणनीतिक रूप से संवेदनशील माना जाता है। ये जिले मुख्य रूप से भारत और पाकिस्तान सीमा से सटे हुए हैं, जिनमें जम्मू कश्मीर, राजस्थान, गुजरात, पंजाब जैसे राज्यों के जिले शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ संवेदनशील शहरों को भी सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट के रूप में चिन्हित किया गया है। नागरिक सुरक्षा अधिनियम 1968 के तहत, नागरिक सुरक्षा का उद्देश्य जीवन बचाना, संपत्ति की हानि को कम करना, उत्पादन की निरंतरता बनाए रखना और लोगों का मनोबल ऊंचा रखना है। युद्ध और आपातकाल के समय सिविल डिफेंस ऑर्गनाइजेशन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
दरअसल मॉक ड्रिल में यह देखा जाता है कि किसी आपाकालीन स्थिति में लोगों की प्रतिक्रिया कैसी होती है, इसके लिए चुनिंदा लोगों, वॉलंटियर्स को ट्रेनिंग भी दी जाती है.आमतौर पर किसी हमले, हादसे या आगजनी जैसी आपातकालीन स्थिति के लिए कैसी तैयारी है, यह जानने के लिए मॉक ड्रिल की जाती है.गृह मंत्रालय के पत्र के मुताबिक़ 7 मई की मॉक ड्रिल शहर से लेकर ग्रामीण स्तर तक होगी.मॉक ड्रिल में कई तरह के अभ्यास किए जाएंगे. इनमें हवाई हमले की चेतावनी कितनी कारगर है यह जानना, कंट्रोल रूम के कामकाज को देखना, आम लोगों और छात्रों को हमलों के दौरान काम की ट्रेनिंग देना शामिल है.इस दौरान कुछ समय के लिए लोगों को घरों या संस्थानों की सभी लाइट पूरी तरह बंद रखने के निर्देश दिए जा सकते हैं.इस मॉक ड्रिल में यह भी देखा जा सकता है कि अगर लाइट पूरी तरह बंद हो जाए तो उस स्थिति में क्या उपाय किए जा सकते हैं.इसके अलावा इसमें आपातकालीन स्थिति में सिविल डिफ़ेंस की प्रतिक्रिया, किसी ख़ास जगह से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की ट्रेनिंग वगैरह भी शामिल होती है.
इस मॉक ड्रिल के दौरान नागरिकों को हमले की स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर जाने, पैनिक न होने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें सायरन बजने पर तुरंत सुरक्षित स्थानों की तरफ जाने, 5 से 10 मिनट में सुरक्षित स्थान तक पहुंचने और सिर्फ खुले इलाकों से हटकर घरों और सुरक्षित इमारतों के अंदर जाने के बारे में बताया जाएगा। साथ ही, टीवी, रेडियो, सरकारी अलर्ट्स पर ध्यान देने और अफवाहों से बचने की सलाह दी जाएगी। सायरन मुख्य रूप से सरकारी भवन, प्रशासनिक भवन, पुलिस मुख्यालय, फायर स्टेशन, सैन्य ठिकाने, शहर के बड़े बाजार और भीड़भाड़ वाली जगहों पर लगाए जाएंगे इस सिविल मॉक ड्रिल में जिला अधिकारी, स्थानीय प्रशासन, सिविल डिफेंस वार्डन, पुलिसकर्मी, होम गार्ड्स, कॉलेज-स्कूल के छात्र, नेशनल कैडेट कॉर्प्स (NCC), नेशनल सर्विस स्कीम (NSS) और नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) के सदस्य शामिल होंगे।यह वाकई में एक व्यापक तैयारी है और नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार के निर्देशों का पालन करें और इस मॉक ड्रिल में सक्रिय रूप से भाग लें।