पंडित प्रदीप मिश्रा का लड़कियों पर बड़ा बयान

मध्य प्रदेश के सिरोही से चर्चित कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दिया गया बयान काफी विवादास्पद और चिंताजनक है। उन्होंने कहा है कि लड़कियों की नाभि ढकी रहनी चाहिए ताकि वे सुरक्षित रह सकें, क्योंकि आज के समय में पहनावे की वजह से अपराध बढ़ रहे हैं। उनका यह तर्क तुलसी के पौधे की जड़ से तुलना करते हुए यह भी कहना कि यदि तुलसी की जड़ दिखने लगे तो पौधा मर जाता है, और इसी तरह महिलाओं की नाभि भी शरीर की जड़ है, जिसे ढककर रखना चाहिए।
यह बयान महिलाओं के प्रति उनकी सुरक्षा की चिंता का प्रतीक हो सकता है, लेकिन इसकी भाषा और तर्क महिलाओं के स्वाभिमान, स्वतंत्रता और गरिमा के खिलाफ है। महिलाओं को केवल उनके शरीर की जड़ों, यानी नाभि, के आधार पर सुरक्षित माना जाना न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से गलत है बल्कि यह समाज में महिलाओं के प्रति एक असमान और भेदभावपूर्ण नजरिया भी दिखाता है। महिलाओं की सुरक्षा का मूल उपाय उनके पहनावे या शरीर के किसी विशेष हिस्से को ढकने में नहीं है, बल्कि समाज में जागरूकता, शिक्षा, कानून का पालन और महिलाओं के प्रति सम्मान और समानता का माहौल बनाने में है।
ऐसे बयान महिलाओं के आत्मसम्मान को चोट पहुंचाते हैं और समाज में गलत संदेश फैलाते हैं। महिलाओं को अपने शरीर की स्वायत्तता का अधिकार है, और उन्हें अपने कपड़ों और जीवनशैली का चुनाव करने का पूरा हक है। सुरक्षा का सही मार्ग समाज में बराबरी, जागरूकता और न्याय व्यवस्था को मजबूत करने से ही संभव है।
इसलिए, हमें इस तरह के बयानों का विरोध करना चाहिए और महिलाओं की गरिमा का सम्मान करते हुए उन्हें स्वतंत्रता और सुरक्षा दोनों प्रदान करने के उपाय अपनाने चाहिए।