राम नगरी अयोध्या में मर्यादा को शर्मसार करती घटना

अयोध्या : अयोध्या, जो प्रभु श्रीराम की नगरी मानी जाती है, आज एक ऐसी घटना से शर्मसार हो उठी जिसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। जहाँ हर कोने में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों की गूंज है, वहीं अब ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं जो इन मूल्यों को ठेस पहुँचा रही हैं। आज सुबह करीब 6:30 बजे, अयोध्या के रामजन्मभूमि वीआईपी दर्शन मार्ग गेट नंबर 3 के पास एक गेस्ट हाउस में महिला श्रद्धालु स्नान कर रही थीं, तभी उन्होंने देखा कि एक युवक बाथरूम की खिड़की से उनका वीडियो बना रहा था। महिला ने तत्काल शोर मचाया, जिसके बाद गेस्ट हाउस में रुके अन्य श्रद्धालु मौके पर पहुँचे और युवक को दौड़ाकर पकड़ लिया। आरोपी को राम जन्मभूमि थाना पुलिस को सौंप दिया गया।
आरोपी की पहचान और चौंकाने वाले खुलासे
पुलिस की शुरुआती जांच में आरोपी की पहचान सौरभ के रूप में हुई है। जब पुलिस ने उसके फोन की जांच की तो उसमें 10 अन्य महिलाओं के नहाते समय बनाए गए वीडियो मिले। फिलहाल आरोपी के खिलाफ आईटी एक्ट और महिला सम्मान भंग करने की धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है और मामले की विस्तृत जांच जारी है।
क्या योगी सरकार की “जीरो टॉलरेंस नीति” विफल हो रही है?
यह पहला मामला नहीं है जब अयोध्या जैसे पवित्र स्थल से महिला असुरक्षा की खबर आई हो। कई बार ऐसे अपराधों के बावजूद कठोर सजा न होने से अपराधियों के मन से कानून का डर खत्म होता जा रहा है।
सवाल यह उठता है कि क्या सरकार की Zero Tolerance Policy अपराधियों में कोई भय पैदा कर रही है? यदि नहीं, तो इसका मूल्यांकन और सख्ती से क्रियान्वयन बेहद जरूरी है।
भगवान श्रीराम का आचरण आज के युवाओं के लिए आदर्श
भगवान राम ने त्रेता युग में अपने जीवन में मर्यादा, नारी सम्मान और त्याग के जो आदर्श स्थापित किए, वे आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। रावण जैसे राक्षस ने भी माता सीता की अनुमति के बिना उन्हें स्पर्श नहीं किया, यह बताने के लिए काफी है कि स्त्री की मर्यादा सर्वोपरि मानी गई है। आज के युवाओं को राम के इन्हीं आदर्शों को अपनाने की ज़रूरत है, ताकि समाज में मर्यादा, सम्मान और सुरक्षा बनी रहे।
ऐसी घटनाएं हमें चेतावनी देती हैं कि केवल धार्मिक स्थल या कानून ही नहीं, बल्कि समाज का नैतिक स्तर भी मजबूत होना चाहिए। हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम श्रीराम के आदर्शों का पालन करें और महिलाओं की सुरक्षा व गरिमा सुनिश्चित करें।
